किसान नेता के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने एसडीएम को सौंपा पत्रक
.....जमानिया विधान सभा में क्राप कटिंग करने की मांग की, कहा कि किसानो के मुख्य आय का स्रोत व उनकी आजीविका धान एवं गेहू की खेती है....
.....मंडी निरीक्षक दिलदारनगर पर आरोप लगाते हुए कहा उक्त धान निरीक्षक द्वारा बिचौलियों से कमीशन हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ले लिया जाता है,मनमाने तरीके से केंद्र का संचालन किया जाता है....
सेवराई। स्थानीय तहसील मुख्यालय पर किसान नेता भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने उप जिलाधिकारी को पत्रक सौंपते हुए जमानिया विधानसभा में क्रॉप कटिंग की मांग की है। बताया कि क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है जहां प्रति बीघा करीब 20 कुंतल की औसत पैदावार होती है। जबकि सरकार के द्वारा 10 बीघा प्रति कुंतल के हिसाब से खरीदारी का मानक तय किया गया है। जिसे मजबूरी बस किसान अपनी फसलों को औने पौने दाम पर बिचौलियों को बेचने पर विवश होंगे। किसान नेता ने एक सप्ताह का समय देते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है बताया कि अगर एक सप्ताह के भीतर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हम प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्या जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इससे पूर्व भी किसानों के द्वारा शासन के मूल्य समर्थन योजना अंतर्गत धान बेचने में आ रहे गंभीर समस्याओं के सम्बन्ध में दिए गए पत्रक पर अभी तक कोई उचित कार्यवाही ना होने से किसानों में आक्रोश है। एसडीएम को दिए गए पत्रक में बताया कि किसानो के मुख्य आय का स्रोत व उनकी आजीविका धान एवं गेहू की खेती है। हर वर्ष खेतों में खड़ी धान की फसल की कटाई करके जो उत्पादन हुआ है उसकी वास्तविक रपोर्ट जिलाधिकारी महोदया गाजीपुर के द्वारा शासन को भेजी जाती है।
परन्तु जिला मुख्यालय के समीप बहुत कम धान उपजाऊ खेत की कटाई करके बहुत कम उत्पादकता की रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती है। जिसके कारण धान का कटोरा कहे जाने वाले तहसील जमानिया व सेवराई जहा के खेत अधिक धान उपजाऊ है, जिसकी औसत उत्पादकता 20 कुंतल प्रति बीघे है। किसानो का अपने खेत में पैदा हुए वास्तविक मात्रा के धान को सम्पूर्ण शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने में असमर्थ हो जाते है। तहसील क्षेत्र के किसी खेत में खड़ी फसल की कटाई करके वास्तविक उत्पादन की रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने के सम्बन्ध में पूर्व में भी पत्रक के माध्यम से अवगत कराया गया है परन्तु अभी तक कोई लिखित संतोष जनक उत्तर नहीं मिला, जिसके कारण किसानो में भयंकर रोष व्याप्त है।
देवल में द्वितीय व ग्रामसभा चित्रकोनी में गत वर्ष की भाति क्रय केंद्र खोलने हेतु भी कोई लिखित आश्वासन अभी तक किसानो को नहीं प्राप्त हुआ। किसान होने वाले आर्थिक शोषण को लेकर भयंकर चिंतित है। वही आरोप लगाते हुए बताया कि मंडी परिसर दिलदारनगर में मंडी निरीक्षक धनन्जय शर्मा द्वारा विगत पाच वर्षों से केंद्र का संचालन करवाया जा रहा है। जिसके कारण किसानो का भयंकर आर्थिक शोषण करते हुए तकनिकी बहाना बनाकर किसानों का धान लेने से मना कर दिया जाता है। थक हारकर किसान औने पौने दाम पर विचौलियों को धान बेच देते है।
उक्त धान निरीक्षक द्वारा बिचौलियों से कमीशन हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ले लिया जाता है। किसानों ने मांग करते हुए कहा कि समस्त किसानो को शासन के मूल्य समर्थन योजना अंतर्गत धान बेचने में आ रहे गंभीर समस्याओ को जल्द जल्द उचित निस्तारण करने का कष्ट करे, अन्यथा किसान बाध्य होकर दशहरा पर्व के बाद भूख हड़ताल के लिए बाध्य होगे।
इस मौके पर भानू प्रताप सिंह, परमहंस सिंह, विहारी सिंह, संजीव सिंह, कबीर खान, अरविन्द सिंह, राजेश सिंह, अरुण शर्मा, पवन कुमार सिंह, नरेन्द्र कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, संजय सिंह, किसान नेता निवासी सेवराई भानु प्रताप सिंह आदि सहित क्षेत्र के दर्जनों किसान मौजूद रहे।