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72 साल पहले बनी लाइब्रेरी को दिया गया नया रूप -अब दो करोड की लागत से ऐसी और आज सुविधाएं दी गई समाज सेवक महाशय गोकुल चंद जी के प्रयासों 1952 में बनाई गई थी

बटाला, 7 अक्टूबर: (एसके महाजन)
भुखे को अन्न,रोगी को ओषिध और अशिक्षति को शिक्षा, परमपुयनिए महाशय गोकुल चंद जी द्वारा संचालित शहर में होस्पिटल और शिक्षा संस्थान के इलावा चलाई जा रही विशाल लाईब्रेरी का जिर्णोदार किया जा रहा है,जिसको करोडो रु लगाकर ऐसी की सुविधाएं सहित आज का माहौल दिया गया है, जिसको 6 अक्टूबर को लोगो को समिर्पत कर दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार 1947 से पहले ये लाइब्रेरी मोती बाजार दो में नलके वाले होस्पिटल में होती थी,जिसका संचालन स्वर्गीय देव भूषण बीवीएन स्कूल वाले करते थे, 1952 में महाशय गोकुल चंद जी की प्रेरणा से दिवान टोडरमल ने किला मंडी में बहुत सारी जगह महाशय गोकुल चंद जी को दी जिसमें विशाल लाईब्रेरी का निर्माण हो सके, उसके बाद शहर के गणमान्य शिख्सयत राय रायबहादुर सुख दयाल जी ने अपने पिता सावन अग्रवाल और माता गौरां देवी की याद में इस लाईब्रेरी का निर्माण करवाया,जो पूरे पंजाब में सबसे बडी लाईब्रेरी थी, लाईब्रेरी में 30 हजार किताब थी, जिसमें गुरु दत, रविंद्रनाथ टैगोर, मुंशी प्रेम चंद, नानक सिंह, आचार्य चतुर सेन से लेकर शिवकुमार बटालवी तक के लेख थे। इसमें हर तरह का समाजिक, धार्मिक, हर धार्मिक ग्रंथों का भंडार था, सुबह से लेकर रात तक लोगों की लाइन लगी रहती थी, तब मासिक शुल्क मात्र दो रु पये महीना था।समय के साथ लोगों का रु झान टीवी फिर मोबाइल की और होता गया, अब लाईब्रेरी में 17 हजार किताबे है, इक्का दुक्का लोग ही आते है, 1992 में महाशय गोकुल चंद जी की प्रेरणा से हिंदी और अंग्रेज़ी में दो इंसाइक्लोपीडिया विश्वकोश मंगवाया गया, जो उस वक्त अपने आप में एक बहुत बडी बात थी,वो विश्वकोश पंजाब की एक-दो युनिविर्सटी को छोडकर कहीं नहीं था।
महाशय गोकुल चंद जी के निधन के बाद, संस्था ने उस लाईब्रेरी को फिर से पहले जैसा बनाने के लिए करोडों रु पये लगा दिए है,जिसकी देखरेख ट्रस्ट के, अशोक अग्रवाल, केएल गुप्ता, आदरणीय शिक्त खुल्लर कर रहे हैं, जो किताबे समय के साथ खराब हो गई थी उनको पूरा किया जा रहा है, जो फिर से पंजाब में नंबर वन बनने जा रही है, ये लाइब्रेरी पूरी तरह वातानुकूलित होगी, जिसमें छात्र अपनी शिक्षा के लिए बैठ कर पडेंगे कुछ रु पये महीने के शुल्क पर अपने घर भी लेकर जा सकते हैं,अब इस लाईब्रेरी की देखभाल लगभग 40 साल से आदरणीय दर्शन लाल बडी नेकनीयती से कर रहे हैं,जिस का उदघाटन 6 अक्टूबर को किया जा रहा है।
बीटीएल-8 विशाल लाईब्रेरी - नरेश
बीटीएल-8ड्ड जानकारी देते लाली कंसराज- नरेश

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