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लोक सेवा केंद्रों में प्रमाण-पत्रों के नाम पर अवैध वसूली,//शुल्क अधिक लेने और रसीद नही देने की हुई थी शिकायत,

कलेक्टर के आदेश पर जांच दल ने की लोक सेवा केन्द्र की जांच

शिकायत कर्ता और हितग्राही रहे उपस्थित

खैरलांजी। लोक सेवा केन्द्र में बरती जा रही अनियमितताओं में निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने और रसीद नही देने सहित अन्य बिंदुओं की शिकायत 16/07/24 को शरद कुमार पांडेय द्वारा तत्कालीन कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को की गई थी लेकिन तत्कालीन कलेक्टर द्वारा शिकायत की जांच नही करवाई गई थी। जिसके बाद शिकायत कर्ता द्वारा पुनः इस मामले की शिकायत वर्तमान कलेक्टर को 17/09/24 को करते हुए लोक सेवा केन्द्र के जिला प्रबंधक अनिल लिल्हारे पर खैरलांजी के लोक सेवा केन्द्र संचालक को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए जिला लोक सेवा केन्द्र प्रबंधक को पद से हटाने की मांग की गई थी।

जिसके बाद शिकायत पर कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा जांच दल का गठन किया गया था। 4/10/24 को तहसीलदार सुरेश उपाध्याय,जिला लोक सेवा प्रबंधक अनिल लिल्हारे,जनपद पंचायत से प्रदीप मेश्राम की टीम द्वारा लोक सेवा केन्द्र पहुंचकर उल्लेखित शिकायत के बिंदुओं की जांच की गई। इस दौरान शिकायत कर्ता शरद कुमार पांडेय के साथ देवेन्द्र लिल्हारे सहित हितग्राही भी उपास्थित रहे। इस दौरान तहसीलदार द्वारा हितग्राहियों से उनके मोबाईल नम्बर पर फोन लगाकर सेवा की ली गई शुल्क,प्राप्त रसीद की जानकारी ली गई। इस दौरान उनके द्वारा लोक सेवा केन्द्र पर उपस्थित हितग्राहियों से भी शुल्क और प्राप्त रसीद सहित केन्द्र के खुलने और बन्द होने के समय के बारे में जानकारी ली गई। इसके अतिरिक्त निर्धारित जांच के बिंदु जो उन्हें प्रारूप के रूप में जिले से प्राप्त हुए थे उन बिंदुओं पर जांच की गई। तहसीलदार द्वारा मोबाईल फोन से की गई चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि लोक सेवा संचालक द्वारा रसीद नही दी जाती और उनके द्वारा दी गई शुल्क निर्धारित शुल्क से अधिक थी। अब इसे शिकायत का डर कहे या जांच दल को इंप्रेस करने की बात हो जांच के दिन साफ सफाई ठीक पाई गई। शौचालय के लिए जुगाड़ से पानी लिया गया था। इनकी खुद की मोटर चोरी होना बताया गया। पेयजल व्यवस्था थी लेकिन पर्याप्त नही पाई गई। स्टॉफ ड्रेस कोड में पाया गया। निर्धारित दरें फ्लेक्स में बडे़ अक्षरों में नही पाई गई फ्लेक्स था लेकिन ऊंचाई पर पाया गया।

इनका कहना है

लोकसेवा केंद्र में मची लूट यदि बन्द नही होती है तो मैं केन्द्र के सामने बैठकर आत्मदाह करुंगा। मैं एक किड़नी पर जीवित हूं और बीपी का मरीज हूं। कुछ भी होता है तो इसके लिए जिम्मेदार शासन प्रशासन रहेगा। खैरलांजी में ही नही लोक सेवा जिला प्रबंधक अनिल लिल्हारे के संरक्षण में पूरे जिले में निर्धारित शुल्क से अधिक राशि ली जा रही है जिसकी रसीद भी नही दी जा रही है। इसकी शिकायत विधायक गौरव सिंह पारधी और विधायक विवेक पटेल से भी की गई लेकिन इन्होंने भी जनहित की समस्या पर गंभीरता नही दिखाई ऐसा लगता है जैसे सब इनको बचाने में लगे हुए है।

शरद कुमार पांडेय शिकायत कर्ता


जिला लोक सेवा केन्द्र प्रबंधक के खुले संरक्षण में जिले के सभी केंद्र में 108 सेवाओं के नाम पर हितग्राहियों से अधिक शुल्क ली जा रही है जिसकी कोई रसीद नही दी जा रही है। इस विषय को लेकर भविष्य में सभी स्थानीय जन प्रतिनिधियों का विरोध किया जाएगा। इसके पहले पूर्व में भी तहसीलदार सतीश चौधरी और उमराज वार्ले द्वारा जांच की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही अब तक इन पर नही हुई।

देवेन्द्र लिल्हारे शिकायत कर्ता

मुझसे विवाह पंजीयन के नाम पर 80 रूपये शुल्क ली गई है जिसकी रसीद भी नही दी गई। मै अपने भतीजे का विवाह पंजीयन कराने आया था। आवेदन में नाम और सरनेम भी गलत भरा गया था जिसको जनपद में जाकर ठीक किया गया। जिनको ठीक से नाम नही लिखते आता ऐसे ऑपरेटरों को केन्द्र पर रख लिया गया है। जिसके कारण जनता को एक ही काम को दो बार करना पड़ रहा है। जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।

कवींद्र लिल्हारे हितग्राही खैरलांजी

शिकायत के आधार पर जो प्रपत्र प्राप्त हुआ है उसके आधार पर जांच की गई। प्रपत्र जिला कलेक्टर को भेजा जा रहा है।
जो भी कमियां पाई गई है उसका उल्लेख शिकायत कर्ता के समक्ष प्रपत्र में कर दिया गया है।

सुरेश उपाध्याय तहसीलदार खैरलांजी।

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