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उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जहां सच बोलने पर मिलती है सजा दर्ज कर दी जाती है फर्जी f.i.r और भ्रष्टाचार्यों को देती है पुलिस फुल सपोर्ट - जिला लखीमपुर खीरी

जल जीवन मिशन के अंतर्गत भोली भाली गरीब ग्रामीण जनता के नाम राशन कार्ड लिस्ट से लेकर फर्जी तरीके से कनेक्शन किए जाने की बात का खुलासा अजीत सिंह सैनी के द्वारा किया गया था
जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में फर्जी कनेक्शन दिखाए जा रहे हैं। ऑनलाइन उपलब्ध डेटा में यह स्पष्ट है कि वास्तविक कनेक्शनों की संख्या और कागजों पर दर्शाए गए कनेक्शनों की संख्या में भारी अंतर है। उदाहरण के लिए हमारी ग्राम पंचायत रायपुर ब्लॉक बिजुआ जिला लखीमपुर खीरी में 150 कनेक्शन किए गए हैं कागजों में 460 कनेक्शन दिखाए जा रहे हैं। और भी आश्चर्यजनक बात यह है कि जिन लोगों के नाम बेनिफिशियरी लिस्ट में हैं, उनमें से 99% ने कभी भी कोई भी दस्तावेज जल जीवन मिशन के अधिकारियों को नहीं दिया।
इसके बाद लगातार अजीत सिंह सैनी के द्वारा मामले के पुख्ता सबूत भी दिए जा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की मिली भगत के चलते लिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही ना करके अजीत सिंह सैनी के नाम पर ही फर्जी F.I.R 19 सितंबर 2024 को दर्ज कर दी गई और आसपास के गांव में लोगों को भ्रमित करने के लिए जल जीवन मिशन के अधिकारियों द्वारा बोला जा रहा है कि अजीत सिंह सैनी पत्रकार बोल रहा है कि तुम लोगों ने खिड़कियां दरवाजे खराब लगाए हैं अच्छे नहीं लगाए हैं और ₹30 लाख की मांग कर रहा है' , जबकि खिड़की दरवाजों की कोई बात आज तक कहीं आई ही नहीं है लोगों को भ्रमित इस कारण किया जा रहा है ताकि लोग अजीत सिंह सैनी का साथ ना दें और जल जीवन मिशन के अधिकारी पुलिस के साथ मिली भगत से कोई बड़े मामलों में अजीत सिंह सैनी को फंसा कर जल जीवन मिशन के अधिकारियों के घोटालों पर पर्दा डाल दें
जिला लखीमपुर खीरी पुलिस की मिली भगत के चलते अजीत सिंह सैनी के द्वारा दर्ज की गई कंप्लेंट और ईमेल के जरिए से भेजी गई शिकायत डीजीपी उत्तर प्रदेश को किसी भी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिसके कारण अब जल्द ही हर ग्राम पंचायत से घर-घर जाकर लोगों से लाइव बात करेगा G.N.D न्यूज़ हो सकता है कि लिप्त अधिकारियों द्वारा इसे रोकने की भी कोशिश की जाए, झूठे आरोप लगाए जाएं, पुलिस का सहारा लिया जाए, क्योंकि -
सूत्र - मिली जानकारी के अनुसार जिला लखीमपुर खीरी का पुलिस प्रशासन भी इस धांधली में शामिल हो चुका है जिसके कारण अजीत सिंह सैनी द्वारा 24 सितंबर 2024 को दर्ज की गई किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, और झूठ आश्वासन दिया जा रहा है की थाना भीरा में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है कार्यवाही प्रचलित है. यह झूठा आश्वासन इसलिए दिया जा रहा है ताकि जब पुलिस अजीत सिंह सैनी पर झूठे आरोप लगाएं तो यह कहने का मौका मिल जाए कि हमारी जांच में यह पता चला है कि अजीत सिंह सैनी दोषी है और कोई घोटाला नहीं हुआ है /
कुछ राजनीतिक माननीयों के हस्तक्षेप के चलते इस पूरे षडयंत्र को रचा गया है जिनके नाम और षड्यंत्र में शामिल होने के सबूत भी अजीत सिंह सैनी और अन्य पांच लोगों के पास उपलब्ध हैं अगर पुलिस प्रशासन को ऐसा लगता है कि अजीत सिंह सैनी झूठ बोल रहा है तो संबंधित अधिकारियों को ग्राम पंचायत रायपुर भेजा जाए और बेनिफिशियरी लिस्ट के आधार पर उन लोगों से पूछा जाए की उन लोगों ने कोई भी अपने दस्तावेज जल जीवन मिशन से संबंधित किसी अधिकारियों को कभी दिए हैं या नहीं लेकिन इस पूछताछ को अजीत सिंह सैनी की उपस्थिति में किया जाना चाहिए
और अब आगे अगर किसी भी मामले में झूठे आरोप से अजीत सिंह सैनी को फसाने की कोशिश की जाती है या किसी प्रकार का कोई हादसा करवाया जाता है तो उसका जिम्मेदार जिले के जल जीवन मिशन अधिकारी ,जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा

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