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आखिर कब मिलेगा बाढ़ पीड़ितों को फसल मुआवजा। तीसरी बार बाढ़ का दस्तक।

सिद्धार्थनगर।कछार क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पानी ने फिर से दस्तक दी है, और दर्जनों गाँव के लोग तीसरी बार बाढ़ की विभीषिका का सामना करने को मजबूर हो गए हैं। पिछले बाढ़ के दौरान प्रशासन की ओर से कोई राहत सामग्री या सहायता नहीं मिल पाने के कारण ग्रामीण पहले से ही कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इस बार सैकड़ों गाँवों के बाढ़ पीड़ितों को न तो राहत सामग्री मिली है, न ही फसल अनुदान का कोई लाभ दिया गया है।

बैरवा नानकार, इटौवा, और गायघाट के ग्रामीणों ने प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बाढ़ राहत का लाभ सिर्फ प्रशासन के चहेते लोगों को दिया गया है, जबकि असली पीड़ित अब भी मदद के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

पशुपालकों के लिए स्थिति और भी गंभीर हो गई है, क्योंकि बाढ़ के कारण उनके पशुओं के लिए चारा और आश्रय की समस्या उत्पन्न हो गई है। ग्रामीणों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन तीसरी बार आई इस बाढ़ आपदा से निपटने के लिए क्या तैयारी करता है और कितनी तेजी से पीड़ितों तक मदद पहुँचती है।

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