मलारना चौड़ में आयोजित दो दिवसीय तेजाजी महाराज के वार्षिक मेले में उमड़ा श्रृद्धा का सैलाब
प्रथम दिवस तेल बिनोरी व भजन संध्या का आयोजन, दूसरे दिवस मेला स्थल पर स्थित थान पर कांटी गई तांतिया
सवाई माधोपुर ( चन्द्रशेखर शर्मा)। उप तहसील मुख्यालय मलारना चौड़ में दुर्गा सागर तालाब की तलहटी एवं पाल पर सुरम्य वातावरण में स्थित श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज का दो दिवसीय वार्षिक मेला शुक्रवार को बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ विधिवत रूप से सम्पन्न हुआ। गुरुवार को प्रथम दिवस तेल बिनोरी एवं भजन संध्या जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए वहीं द्वितीय दिवस विशाल मेला सम्पन्न हुआ जिसमें तेजाजी की थान पर सर्प एवं बिच्छू जैसे जहरीले कीटों से काटे गए लोगों की तांतिया खोली गई। आपको बता दें कि श्री एदलकी बालाजी के मेले के बाद यह उप तहसील क्षेत्र मलारना चौड़ क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा मेला है । मेला आयोजन समिति से जुड़े गिर्राज भगत ने बताया की मेले में मलारना चौड़ कस्बा सहित लगभग एक दर्जन गावों के श्रृद्धालुओं ने मेले में जमकर शिरकत की। शुक्रवार को दूसरे दिन मानो मेला स्तर पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ता हुआ दिखाई दिया। मेले में मलारना चौड़ के अलावा तारनपुर, रामड़ी, श्रीपुरा, बाढ़- शाहपुरा, लाड़ोता, चैनपुरा, छोटी व बड़ी गालद , बरियारा,अनियाला एवं डिडवाड़ा सहित आसपास के दर्जनों गांवों से भारी संख्या में स्त्री- पुरुषों , बाल बच्चों एवं वृद्ध जनों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। आज मेले में एक और जहां जहरीले कीड़े के खायें या काटे गए मरीजों की तांतीयां खोली गई, वहीं दूसरी ओर मेले में शामिल लोगों को खीर प्रसादी का वितरण भी किया गया। समिति के अध्यक्ष लल्लू मीना और राजेश गौड़ ने बताया की मेले में एक दिवस पूर्व तीन गायन पार्टियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिनमें बास दुगरी (बूंदी), सिरोही झोपड़ा और ठीकरी बेराड़ा का नाम मुख्य रूप से शामिल हैं।
पिछली बार की तरह इस बार भी भक्तों का सैलाब उमड़ने से मेला स्थल छोटा पड़ता नजर आया। मेले में भारी भीड़ के चलते मुख्य मार्ग पर दिनभर जाम जैसी स्थिति बनी रही। जबकि इस बार ट्रैफिक पहले से ही हाईवे से डायवर्ट किया गया था। मेला स्तर पर खिलौने, मिठाई व फल- फ्रूट आदि की भी खूब दुकानें सजी ,जिन पर खरीददारी कर महिला और बच्चों ने जमकर लुफ्त उठाया। समाज सेवक वरिष्ठ अध्यापक विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि कच्छी घोड़ी नृत्य मेले का मुख्य आकर्षण रहा। पूर्व की अपेक्षा भीड़ को देखते हुए इस बार पुलिस की संख्या पर्याप्त नहीं थी। यहां सिर्फ दो ही पुलिस वाले नजर आए। लेकिन मेले में शामिल लोगों का तालमेल अच्छा खासा दिखाई दिया।