
चंडीगढ़-मोहाली की सड़के 23 जनवरी को 'किसानगढ़' में बदल गई...
THE BOTTLE(पूजा सैनी)। चंड़ीगढ़ की सड़के 23 जनवरी को 'किसानगढ़' में बदल गई जब 26 जनवरी को कृषि कानूनों के खिलाफ 'ग्रामीण परेड' के समर्थन में ग्रामीण संघर्ष समिति चंडीगढ़ द्वारा शहर में एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया। इस बीच किसान-समर्थक झंडे वाले हरे-पीले ट्रैक्टर चलते दिखाई दिए। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हरदीप बुटेरला और चंडीगढ़ पंजाबी मंच के अध्यक्ष सुखजीत सिंह सुखा द्वारा नेतृत्व में किसान भी ट्रैक्टर और कारों के साथ रैली में शामिल हुए और किसान परेड में अपना पूरा समर्थन दिया।संघर्ष समिति के अध्यक्ष नम्बरदार दलजीत सिंह पलसोरा, संरक्षक बाबा साधु सिंह सारंगपुर, बाबा गुरदयाल सिंह खुदा अलीशेर और महासचिव गुरप्रीत सिंह सोमल ने कहा कि ट्रैक्टर रैली सुबह सारंगपुर, खुडा लाहौर, खुदा जस्सू गांव के बस स्टैंड से शुरू हुई। खुदा अलीशेर, कैंबवाला, सकेतड़ी, किशनगढ़, मनीमाजरा, दड़वा, मौली जागरां, रायपुर कलां, मखनमाजरा, रायपुरखुर्द, बहलाना, हल्लोमजरा, बुड़ैल, कजहेडी, अटावा, बड़हेरी, पलसोरा, मालवा गाँव और डडूमाजरा स्टेडियम में समाप्त हुआ।समिति के पदाधिकारी जोगिंदर सिंह बुरैल ने कहा कि रैली में ट्रैक्टर और कारों सहित हजारों लोगों ने भाग लिया। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक जाम को साफ करने में असहाय लग रही थी जो रैली का कारण नहीं लगती थी, लेकिन किसानों ने खुद ही मोर्चा संभाला और यातायात को सुचारू रूप से चलाने में सफल रहे और किसी को भी परेशानी में नहीं पड़ने दिया। रैली के दौरान चंडीगढ़ के गांवों में विभिन्न स्थानों पर चाय के लंगर भी लगाए गए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों की निंदा की और कानूनों को निरस्त करने की मांग की। इसके अलावा चंडीगढ़ और मोहाली के डेयरी यूनियनों ने संयुक्त रूप से सेक्टर 44 में सोहना (मोहाली) के गुरुद्वारा बाग शहीद से एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया।
PUBLISHED BY: POOJA SAINI
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