दोस्तों दिनांक 26 सितंबर 2024 के दैनिक भास्कर अखबार की ये ख़बर पढ़ कर मन बड़ा विचलित हुआ "पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं गुणवत्ता में फेल" ,स्वास्थ जिसको लेकर हर व्यक्ति संवेदनशील रहता है और ज़रा सा भी बुखार जैसा लगता है तो सबसे पहले पैरासिटामोल टैबलेट लेता है, अगर ऐसा है तो इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द क्यों नही किए जा रहे है?
दोस्तों दिनांक 26 सितंबर 2024 के दैनिक भास्कर अखबार की ये ख़बर पढ़ कर मन बड़ा विचलित हुआ "पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं गुणवत्ता में फेल" ,स्वास्थ जिसको लेकर हर व्यक्ति संवेदनशील रहता है और ज़रा सा भी बुखार जैसा लगता है तो सबसे पहले पैरासिटामोल टैबलेट लेता है, अगर ऐसा है तो इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द क्यों नही किए जा रहे है?