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भिण्ड में संत रामपाल जी का सत्संग:शास्त्रों के आधार से बताया मोक्ष का मार्ग, बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण।

रविवार को भिंड के भारौली तिराहे स्थिति नई गल्ला मंडी प्रांगण में संत रामपाल जी के सत्संग का आयोजन एलईडी के माध्यम से किया गया। आसपास के श्रद्धालु तथा संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई बड़ी संख्या में सत्संग प्रवचन सुनने पहुंचे।संत रामपाल महाराज ने सभी धर्मों के धर्म ग्रंथों से सृष्टि की उत्पत्ति केबारे में प्रमाणित करके समझाया। साथ ही यह भी बताया कि सभी धर्मों के सद् ग्रंथो में एक जैसा आध्यात्मिक ज्ञान है और पूर्ण परमात्मा की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पूर्ण संत की खोज के विषय में संत जी ने बताया कि गीताजी अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वदर्शी संत की शरण में जाने की बात की गई है, निष्कपट भाव से, आधिनी पूर्वक दण्डवत प्रणाम करने से वो तत्व ज्ञान का संदेश देते हैं, जिससे सभी प्रकार के पाप कट जाते हैं व मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। गीताजी अध्याय 15 श्लोक एक से चार में उस तत्वदर्शी संत की पहचान की बात की गई है। जिसमें यह बताया गया है कि यह संसार उल्टा लटके हुए बृक्ष के समान हैं, जो संत इसके सभी विभागों को स्पष्ट करता है वो तत्वदर्शी संत कहलाता है, कबीर साहेब जी का जिक्र करते हुए संत जी ने कहा कि उन्होंने अपनी वाणी में कहा है अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन डार। तीनों देवा शाखा है, ये पात रूप संसार इससे स्पष्ट होता है कि कबीर साहेब एक तत्वदर्शी संत थे। वही ज्ञान आज संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व को प्रदान कर रहे हैं।
सत्संग में उपस्थित मोहन दास व निर्मल दास ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज का सत्संग वचन प्रतिदिन शाम 7:30 बजे से टेलीविजन पर भी सुन सकते हैं।
सतसंग समागम का समापन चाय बिस्कुट के साथ हुआ

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