राष्ट्रीय बेटी दिवस पर एक बेटी की गुहार
राष्ट्रीय बिटिया दिवस पर
कुंवर प्रताप यादवेन्द्र सिंह यादव चंद्रवंशी उर्फ़ टाईगर भईया की ओर से समाज को एक छोटा सा संदेश
बेटियां बोझ नहीं होती…
आने दो मुझे दुनिया में पापा
बोझ नहीं सहारा बन के दिखाऊंगी।
मत दिलाना मुझे खेल खिलौने,
मैं यूं ही बड़ी हो जाऊंगी।
मतलब से नहीं मैं दिल से साथ निभाऊंगी।
उंगली जो कभी उठी आप पर,
मैं दुनिया से लड़ जाऊंगी।
मत करो मुझसे इतनी नफ़रत पापा,
मैं इतनी भी बुरी नहीं।
कर लूंगी समझौता अपनी जरूरतों से भी,
देखी जो जेब आपकी खाली कभी।
छोटी-छोटी खुशियों में भी खुश रह लूंगी पापा,
जूझ रही हूं कि मुसीबतों से कभी भनक तक न लगने दूंगी।
मत कहो मुझे बोझ, मुझे बुरा लगता है पापा,
बोझ नहीं हूं मैं, ये एक दिन साबित कर दूंगी।
न हो यकीन तो आज़मा लेना पापा,
साथ छोड़ देगी दुनिया मैं तब भी उंगली पकड़कर खड़ी रहूंगी।
नहीं चाहिए पैसा पापा न पेपर प्रॉपर्टी के,
दे देना थोड़ा सा प्यार मैं उसी में खुश रह लूंगी।
आने दो मुझे दुनिया में पापा,
बोझ नहीं सहारा बन के दिखाऊंगी।