जनता दरबार की तस्वीर बता रही की अधिकारियों पर अंकुश नहीं लगा पा रही यूपी सरकार
सरकार हर मंच से चाहे जितना बड़ा दावा करे,बुलडोजर नीति लाए या ठोक दो नीती सब करके हार मान चुकी है न अपराधियों को कंट्रोल कर पा रही न अधिकारियों को ,आए दिन लूट हत्या ब्लातकार की खबरें आती रहती है ,एक घटना का पर्दाफाश होने से पहले दूसरी घटना घट जा रही है ,जैसे अपराधियों में होड़ लगी हो की कौन कितना बड़ा कारनामा कर के दिखा दे रहा ,
अपराधी अपराध धड़ल्ले से कर रहे और अधिकारी एसी ऑफिस में मौज कर रहे ,अगर अधिकारी अपना काम ईमानदारी और तत्परता से करते तो अपराधी और भ्रष्ट कर्मचारियों पर जरूर अंकुश लगता ,लेकिन लगता है की सरकारी महकमा भी इन्ही के सपोर्ट में लगा है
हर जनता दरबार में हजारों के संख्या में आम जनता का पहुंचना ये बताता है की स्थानीय स्तर पर उनकी बात नही सुनी जा रही उन्हे न्याय नही मिल रहा और जनता को मुख्यमंत्री से गुहार लगाना पड़ रहा ,बुजुर्ग और महिलाओं को घर से सैकरो किमी दूर जाने में कितनी परेशानी होती होगी कितने मजबूर तो ऐसे होंगे की भाड़ा किराया भी ब्याज पर लेकर पहुंचते है, और वहा भी बस शिकायती पत्र लेकर खाना पूर्ति कर ली जाती है ,अगर मुख्यमंत्री का अंकुश अधिकारियों पर होता तो आम जनता को उतना दूर जाने की नौबत ही न आती ,
सरकार को इस समस्या का समाधान ढूंढना और हल निकालना चाहिए की जो जहा है उसे वही उस स्तर पर ही न्याय मिले जनता को तभी लगेगा की सरकार का अपराध भ्रष्टाचार पर नियंत्रण है , नही तो बस सरकार रैलियों में दावा करते रहे और जनता जनता दरबार तक दौड़ती रहे