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Gorakhpur News: खतौनी में नाम-पता गलत चढ़ गया तो दौड़ते रह जाएंगे गोरखपुर ब्यूरो

गोरखपुर। जमीन के बैनामे के बाद खारिज-दाखिल होने या बिक्री के बाद वारिश का नाम गलत चढ़ गया हो तो उसे दुरुस्त कराने के लिए दौड़ते रह जाएंगे। धारा 32/38 के तहत खतौनी में त्रुटि को सही कराने के लिए एक हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। बहुत सारे ऐसे भी मामले हैं जिनमें लेखपाल से लेकर तहसीलदार ने रिपोर्ट लगा दी है, लेकिन एसडीएम कोर्ट से आदेश ही जारी नहीं हुआ।

सदर तहसील में बशारतपुर के धीरेंद्र शर्मा ने दो वर्ष पहले खतौनी को ठीक करने के लिए आवेदन किया। आराजी संख्या 450/2 मि मौजा बशारतपुर की खतौनी में त्रुटिवश जमीन विक्रेता के वारिसों का नाम दर्ज हो गया। आवेदन में नाम हटाने के लिए अनुरोध किया। जिस पर लेखपाल व तहसीलदार ने रिपोर्ट भी लगा दी, लेकिन अभी तक कोई आदेश नहीं हुआ। ऐसे ही बहुत सारे मामले अटके पड़े हैं, जिसे लेकर लोग परेशान हैं।

कोट
खतौनी को रियल टाइम अपडेट किया जा रहा है। इसके चलते भी कुछ दिक्कतें आई हैं। सभी लंबित मामलों को शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है।
कृष्णा करुणेश, डीएम


केस एक
मौजा बिलंदपुर में शिवगोपाल का नाम आराजी संख्या 231 में 1410 से 1415 फसली तथा 1422 से 1427 फसली में था। लेकिन अगली फसली वर्ष की खतौनी में लेखपाल की गलती की वजह से नाम नहीं चढ़ा। शिवगोपाल ने दो वर्ष पहले एसडीएम सदर के कोर्ट में नाम चढ़ाने के लिए आवेदन किया। लेखपाल और तहसीलदार ने रिपोर्ट भी लगा दी, लेकिन मामला एसडीएम के यहां लंबित है। शिवगोपाल नाम चढ़वाने के लिए परेशान हैं।


केस दो
शिवाजीनगर कॉलोनी निवासी करुणेंद्र कुमार राय के पिता का नाम खतौनी में गलत चढ़ गया। नाम सही कराने के लिए उन्होंने एक साल पहले आवेदन किया। अभी तक खतौनी में पिता का नाम ठीक नहीं हो पाया। नाम ठीक कराने के लिए वे तहसील का चक्कर काट रहे हैं।

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