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लखीमपुर खीरी के 200 गांवों में बाढ़, पलिया-भीरा मार्ग कटा, एक युवक की डूबकर मौत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक बार फिर बाढ़ ने तबाही मचाई है। बनबसा बैराज से रिलीज किए गए पानी से शारदा नदी की बाढ़ का कहर ग्रामीण झेल ही रहे थे। इस बीच नेपाल की नदियों के बढ़े जलस्तर से सुहेली नदी भी उफना गई। पलिया, बिजुआ, निघासन, धौरहरा इलाके के करीब 200 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लोग छतों, सड़कों और अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। प्रशासन की ओर से खाने के पैकेट तो पहुंचाए जा रहे हैं, लेकिन बच्चों को दूध और अन्य आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं। उधर, पानी के तेज बहाव से पलिया-भीरा मार्ग कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवागमन भी पूरी तरह से बंद हो गया है।
अतरिया के आगे पड़ने वाली पुलिया को भी शारदा नदी ने फिर से काट दिया है। अब पानी तेज धार के साथ पुलिया पर बहने लगा है। मार्ग कटने से पलिया का भीरा से संपर्क कट गया है। पुलिया के आगे अभी भी करीब एक किलोमीटर तक पानी सड़क पर तेज बहाव के साथ बह रहा है। अतरिया में सड़क किनारे रहने वाले लोग बाढ़ आने से ऊंचे पर बसेरा बनाए हैं। कुछ ग्रामीण पंचायत घर की छत पर डेरा जमाए हैं।
शारदा नदी के उफान से सदर तहसील क्षेत्र के सिंधिया से लेकर नकहा तक 50 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है। तटबंध और घरों के ऊपर लोग डेरा जमाए हैं। श्रीनगर बालूगंज और मिलपुरवा- गूम रास्ते पर रविवार को तीन फुट तक पानी बह रहा था। गांवों में भी कमर तक पानी है। प्रभावित गांव में ग्रामीणों को लंच पैकेट बांटे गए। फूलबेहड़ क्षेत्र में बाढ़ से घिरे ऐसे कई गांव हैं, जिनमें रविवार तक प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच सकी।

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