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चित्रकूट दीपक गुप्ता हत्याकांड

उत्तर प्रदेश में हजारों ऐसे पीड़ित देखने को मिलेंगे जो न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन उन्हें जल्द न्याय नहीं मिलता।

कुबेर गुप्ता अपनी पत्नी व मृतक दीपक गुप्ता के दो बच्चों को लेकर बाँदा डीईजी कार्यालय पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है। जहाँ कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।

वहीं शिकायत कर लौटते समय कुछ कथित पत्रकार खबर प्रकाशित करने के लिए पीड़ित कुबेर गुप्ता से रुपये की मांग कर रहे थे।

अरे भाई जो खुद दूसरों से कर्ज लेकर किराया भाड़ा बनाता है। जो घर जमीन सब छोड़कर अन्य जनपद में जा कर दूसरों के भतोसे पर टिका है वो आपको क्या दे सकता है।

एक ने कहा तीन हजार दो अखबार व चैनल पर चला देंगे, दूसरे ने कहा पांच हजार दो चैनल अखबार व ट्वीटर में चला व दूसरों से भी चलवा देंगे फिर जल्दी कार्यवाही होगी।

ऐसे पत्रकारों को क्या कहा जा सकता है जो पीड़ितों की मवाद खाकर खबरें लिखते हैं?? पांच माह से अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए परेशान व्यक्ति से पैसे मांगना निंदनीय है।

क्या कुबेर गुप्ता को थक हारकर अपने बेटे की हत्या भूलकर घर बैठ में जाना चाहिए। क्योंकि ऐसे कई परिवारों को हारते देखा होगा आपने??

जहाँ तक देखने व सुनने को मिलता है, अगर आरोपी पूंजीपति है, नेताओं व अधिकारियों की जाति का है, तो वह कितना भी बड़ा जुर्म किये हो उसपर जल्दी कार्यवाही नहीं होती। लेकिन होती जरूर है।

मामला जनपद के सरधुवा थाना क्षेत्र के ग्राम अरछा बरेठी का है जहाँ 27 मार्च 2024 को पदीपक गुप्ता की हत्या हुई थी। पुलिस द्वारा हत्या का मुकदमा लिखा गया है लेकिन अब तक हत्या के मुख्य आरोपी आजाद हैं। विस्तृत खबर कमेन्ट बॉक्स में देखें।

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