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यात्रियों को खुल्ले रुपए लाने को किया जाता है मजबूर या फिर छोड़ने पड़ते 10-20 रुपए विंडो पर कतार में खड़े यात्रियों से कर्मचारियों का रोज हो रहा विवाद, टिकट न मिलने से छोड़नी पड़ती है ट्रेन


गंजबासौदा
बिटिया का इंटरव्यू है साहब,
खुल्ले पैसे के चक्कर में हमारी
गाड़ी निकल जाएगी। टिकट तभी
मिलेगा जब खुल्ले रुपए लेकर
आओगे। यह वाक्या गंजबासौदा
रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर
का है। दरअसल रेलवे टिकट लेने
कतर में खड़े यात्री अजब सिंह
कुशवाह सुबह अपनी बेटी को
इंटरव्यू दिलाने सर्दन एक्सप्रेस से
भोपाल जा रहे थे। इस दौरान उन्हें
15 रुपए खुल्ले के चक्कर में ट्रेन
छोड़ना पड़ी। बुकिंग बाबू ने 50
रुपए अतिरिक्त रख कर उनसे 15
रुपए खुल्ले लाने के लिए कहा।
इसको लेकर बुकिंग विंडो पर
हल्का सा विवाद हुआ, फिर वहां
मौजूद प्रमोद शर्मा ने अजब सिंह
के 50 रुपए वापस कराए। इसी
बीच उसकी सर्दन एक्सप्रेस
निकल गई। वे फिर कुशीनगर से
बेटी को लेकर टेस्ट दिलाने रवाना
हुए।
गौरतलब हो कि इन दिनों ऐसे
ही विवाद टिकट काउंटर पर देखे
जा रहे हैं। एक विंडो से टिकट
मिलने के कारण लंबी-लंबी कतारें
लगी रहती हैं। काउंटर पर खुल्ले
रुपए होने के बावजूद लोगों
इधर-उधर भड़काने के लिए
मजबूर किया जाता है। ट्रेन आने
के कारण उनको 10-15 रुपए
छोड़ने पड़ते हैं या फिर गाड़ी
इसके कारण विवाद की स्थिति
बनती है। स्टेशन पर लगी
एटीवीएम मशीन खराब पड़ी है।
यह ठीक भी हो जाती है तो उसे
खराब कर दिया जाता है।
नाठ
रेलवे स्टेशन पर खुल्ले पैसे को लेकर रोज हो रहा विवाद
स्टेशन प्रबंधक का कहना मेरे पास कोई शिकायत नहीं आती
रेलवे स्टेशन पर अधिकतर ऐसे लोग टिकट की लाइन में खड़े होने को मजबूर
होते हैं, जिनको तात्कालिक यात्रा करना पड़ती है। विवाद के कारण दूसरे
लोगों को समय पर टिकट नहीं मिल पाता। आए दिन होने वाली इस दिक्कत
को लेकर स्टेशन प्रबंधक आरबी ठाकुर को भी फोन लगाने पर प्रबंधक हमेशा
कहते हैं कि मेरे पास कोई शिकायत ही नहीं आती। जबकि गुरुवार को बुकिंग
काउंटर पर महिलाओं ने खूब हंगामा किया। जमकर आरोप लगाए कि खुल्ले
पैसे के नाम पर लूट रहा है। रेलवे स्टेशन पर ऐसे नजारे आम हो गए हैं।
प्रतिदिन 2 से 3 हजार लोग लाइन में लगकर टिकट ले रहे हैं। शिकायत के
बावजूद ना तो दूसरा काउंटर चालू हो रहा और ना ही एटीवीएम मशीन।

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