logo

गणेश विसर्जन पर पथराव से सांप्रदायिक तनाव: दुकानों में आगजनी, तलवारों से हमला और पुलिस पर हमला, दोहराई गई पिछली घटनाओं की स्क्रिप्ट...

कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला में एक बार फिर से गणेश विसर्जन के जुलूस पर पथराव की घटना ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया। यह घटना बुधवार रात को घटी, जब गणेश विसर्जन का जुलूस मैसूर रोड पर स्थित एक दरगाह के सामने पहुंचा। विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने जुलूस पर पत्थर फेंके, जिससे दोनों समुदायों के बीच टकराव शुरू हो गया। देखते ही देखते स्थिति हिंसक हो गई और कई हिंदू दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया।
घटना का विस्तार
यह घटना रात के करीब 8 बजे हुई, जब बदरिकोप्पलु गांव से गणेश विसर्जन के लिए निकला जुलूस मुख्य सड़क से होते हुए दरगाह के पास पहुंचा। दरगाह के सामने पहुंचते ही कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसका विरोध करते हुए हिंदू समुदाय ने भी प्रदर्शन किया, जिसके चलते दोनों पक्षों में झड़पें शुरू हो गईं। हालात इस कदर बिगड़ गए कि कई हिंदू दुकानों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। इसके अलावा, कुछ वाहनों को भी जलाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
पिछली घटनाओं की पुनरावृत्ति
नागमंगला में यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले साल भी गणेश विसर्जन के दौरान इसी दरगाह के सामने पत्थरबाजी हुई थी, जिसने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था। इस बार भी वही स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे इलाके में फिर से तनाव फैल गया।
हमले का तरीका और पुलिस की स्थिति
कन्नड़ समाचार चैनलों के अनुसार, जुलूस पर सिर्फ पत्थरों से ही नहीं, बल्कि तलवारों, रॉड और जूस की बॉटल्स से भी हमला किया गया। इस हमले में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और गिरफ्तारियां
घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के 28 लोगों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की जा रही है। नागमंगला में कलेक्टर ने हालात को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।
अन्य जगहों की घटनाएं
सिर्फ मांड्या ही नहीं, हाल के दिनों में सूरत और पटना में भी इसी तरह की घटनाएं देखने को मिलीं। सूरत में गणेश पंडाल पर पथराव के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। पटना में एक घर के अंदर स्थापित गणेश प्रतिमा को भीड़ ने तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया था।
यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि समाज में ऐसे तनावपूर्ण हालात न उत्पन्न हों।
credit by (bhilaikipatrika.com)

1
8609 views