नागौद में डॉक्टर अमित सोनी ने इजाद की दुनिया की पहली नई भाषा
नागौद: आपको हेडलाइन पढ़कर जरूर आश्चर्य होगा की यह करामात सतना जिले की नागौद तहसील के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अमित सोनी के द्वारा हुआ है। हमारा सतना जिला खोजों में हमेशा अग्रणी रहा है यहां नित प्रतिदिन ऐसी खोजें होती हैं की न्यूटन, अरस्तू जैसे वैज्ञानिक भी होते तो सोचने पर फेल हो जाते। और तो तो और इस भाषा को पढ़ने वाले भी महा वैज्ञानिक हैं जो खोजी डॉक्टर से भी चार कदम आगे हैं। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी की ऐसा ही चलता रहा तो सिर्फ मन के तार जोड़कर डॉक्टर और मेडिकल वाले इस भाषा को अपनी मनोयोग की ताकत से लिख पढ़ लेंगे और इस तरह कागज की बर्बादी से भी बचा जा सकेगा और यह कदम पर्यावरण के पेड़ बचाओ आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल यह सारा खेल जनता की जेब से जुड़ा है जहां डॉक्टर और मेडिकल वाले मिलकर चंद पैसों के कमीशन वाली लालच में शासन की योजनाओं को ठेंगा दिखाते हैं और जनता सोचती है सरकार द्वारा उन्हें सुविधाओं के नाम पर धोका दिया जाता है। आपको बता दें की प्राप्त जानकारी के अनुसार वायरल पर्चा नागौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अमित सोनी द्वारा मरीज अरविंद कुमार सेन उम्र 46 वर्ष पिता रामदास सेन ग्राम रहिकवारा निवासी के लिए लिखा गया था जिसे सिर्फ सांठ गांठ वाले प्रवीण मेडिकल स्टोर पर ही पढ़ा जा सकता है। लाखों रुपए तनख्वाह पाने वाले डॉक्टर का उदर पोषण जब उससे नहीं हो पाता तो परिवार को चलाने के लिए भ्रष्टाचार रूपी कमीशन के सहारे जीवित रहने पर मजबूर होना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार मरीजों के लिए दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध करवा रही है और सरकार की मंशा पर ऐसे ही डॉक्टर पानी फेरते नजर आते हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके नागौद के तमाम अधिकारियों की छुट्टी करके उसकी जगह बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दे।
वायरल पर्चे में कोड वर्ड में दवाइयों के नाम लिखे हैं जिसे सिर्फ सबंधित मेडिकल ही पढ़ सकता है जो सरकार मौत का खेल है, चंद पैसे की लालच में मरीजों की जिदंगी के साथ खिलवाड़ करना नागौद अस्पताल के मुलाजिमों की आदत में शुमार हो गया है। अब देखते हैं की कार्यवाही होती है या कमीशन के पैसों की खुशबू का असर ऊपर बैठे अधिकारी भी पड़ा होगा जिससे हमेशा की तरह चुप्पी साध ली जाएगी।