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ग्रामीण अंचलो में नहीं हो रहा मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव


खीरी प्रयागराज
ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की बरसात के बाद तेज धूप और उमस भरी गर्मी से लोगों का जीना बेहाल हो गया हैं और रात के समय मच्छरो के आतंक से परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों में विभाग द्वारा मछररोधी दवाओं का छिड़काव नहीं होने से मच्छरो का प्रकोप काफी बढ़ गया हैं घर हो या बाहर सड़क ऐसा कोई स्थान नहीं हैं जहा मच्छरो का आतंक न हो गर्मी और बरसात के दिनों में जहाँ डायरिया, मलेरिया और वायरल बुखार लोगों को परेशान करता हैं लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि यदि मच्छरो का प्रकोप इसी तरह बढ़ता रहा तो संक्रामक रोग लोगों को अपनी चपेट में ले लेंगे जिससे स्थिति भयावह हो सकती हैं अधिकांश लोग बुखार से पीड़ित हैं जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। लोग मच्छर मारने के लिए हर माह एक परिवार 100से 300रुपये तक खर्च करता हैं गुड नाईट और मच्छर मारने वाले क्वाइल स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं इससे लोग स्वास सहित कई रोगों के शिकार हो रहे हैं मछरों से होने वाली बीमारियों से प्रत्येक वर्ष लोगों की मौत होती हैं। मलेरिया, डेंगू सहित अन्य बीमारियों से बचनेके लिए लोग मास्कीटो किलर का उपयोग करते हैं।गांवो में पुराने बुजुर्गो का कहना हैं कि बहुत पहले विभाग द्वारा डीडीटी व मैलाथियान का छिड़काव कराया जाता था जिससे मच्छरो का प्रकोप कम हो जाता था लेकिन अब इसका छिड़काव नहीं किया जा रहा हैं जिससे मच्छरो की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही हैं। वही दूसरी ओर मच्छरो के छिड़काव के लिए हर साल स्वास्थ्य विभाग व ग्राम प्रधानों के खाते में भारी भरकम रकम सरकार द्वारा दिया जाता हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जब कई वर्षो से दवा का छिड़काव नहीं हो रहा हैं तो आखिर इस मद में आने वाले पैसे का क्या हो रहा हैं? इस सवाल का जवाब देने के लिए न तो ग्राम प्रधान तैयार हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी।इस गंभीर समस्या के बावजूद उच्चाधिकारियो द्वारा समस्या का संज्ञान न लिया जाना उनकी उदासीनता हो दिखाता हैं।ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से ग्रामीण इलाकों में डीडीटी का छिड़काव कराये जाने की मांग की हैं।

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