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Bounsi News: कुशल युवा कार्यक्रम केंद्र में मना शिक्षक दिवस

कुमार चंदन,बांका।
बौंसी/बांका:- बौंसी प्रखंड अंतर्गत राज्य सरकार के सात निश्चय योगना के तहत संचालित कुशल युवा कार्यक्रम केंद्र होली फेथ हेल्पिंग सोसाइटी द्वारा संचलित एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सेंटर के डायरेक्टर कुमार चंदन ने शिक्षक दिवस पर गुरु और शिष्य की परंपरा की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा की गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। 'गुरु' का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। शिक्षक उस माली के समान है, जो एक बगीचे को अलग अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है।जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करता है। आज शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने के लिए तमाम सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों को भी वह सम्मान मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। एक गुरु ही शिष्य में अच्छे चरित्र का निर्माण करता है। आज तमाम शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने लगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें तो गुरु-शिष्य की परंपरा कहीं न कहीं कलंकित हो रही है। आए दिन शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सुनने को मिलती हैं। इसे देखकर हमारी संस्कृति की इस अमूल्य गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रश्नचिह्न नजर आने लगता है। विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझें और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।
शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद करते हैं तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा। शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर में शिक्षक दिवस के अवसर पर ई-टेस्ट एक्टिविटी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मौके पर सेंटर की प्रबंधक अंकिता कुमारी,अमबिषा एंजेल, सुहानी एंजेल, मानस कुमार, आशिष झा, प्रगति कुमारी, आयुष रंजन, नारायण अग्रवाल, शारदा कुमारी, अमन कुमार, नारायण मुर्मू, रणजीत मरांडी, कुंदन कुमार ठाकुर, प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी, भारती कुमारी, मेघा कुमारी, सौम्या झा, वर्षा कुमारी, अन्नू कुमारी, ख़ुशी प्रिया राज, शिवानी कुमारी,सुमित कुमार,निशा ख़ातून, निशा कुमारी, कशिस अदा, शिवम् कुमार, सोनी कुमारी मुर्मू, शफी अहमद, नितीश कुमार, अनुज कुमार, उम्मे शाल्मा, निशा कुमारी, अमित कुमार, कृष्ण कुमार यादव, सपना कुमारी, भारती कुमारी, रानी कुमारी सहित काफी संख्या में छात्र एवं छात्राएं मौजूद थे।

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