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ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं, जिनका असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. कुंडली में बनने वाले कुछ प्रमुख योग ये हैं...

गोरखपुर के ज्योतिषचार्य ने बताया की,राजयोग
कुंडली में राजयोग बनने से व्यक्ति को संपत्ति, समृद्धि, और सुख मिलता है.

शश राजयोग
जब शनि अपनी राशि मकर या कुंभ में होता है या फिर अपनी उच्च राशि तुला में होता है, तब शश राजयोग बनता है.

पंच महापुरुष योग
गुरु, मंगल, बुध, शुक्र, और शनि से मिलकर बनने वाला यह योग बहुत शुभ और प्रबल माना जाता है.

सुनफा योग
जब चंद्रमा मज़बूत स्थिति में होता है और किसी पाप ग्रह से जुड़ा नहीं होता, तब सुनफा योग बनता है.

दशम-सप्तम योग
जब जन्मकुंडली के दसवें स्थान का स्वामी वृषभ या तुला राशि में होता है और शुक्र सातवें भाव का स्वामी होता है, तब दशम-सप्तम योग बनता है.

ग्रहण योग
ग्रहण योग दो तरह का होता है, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण.

पितृदोष योग
जब कुंडली के द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, अष्टम, नवम, और दशम भाव सूर्य और गुरु, शनि, राहु, केतु से प्रभावित होते हैं, तब पितृदोष योग बनता है.

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