बरेली में कुल की रस्म के साथ आला हजरत उर्स का समापन, सड़कों पर उमड़ा अकीदतमंदों का सैलाब
बरेली। इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 106वें उर्स-ए-रजवी में शनिवार दोपहर दो बजे के बाद कुल की रस्म अदा की गई। तीन रोजा उर्स का समापन हो गया। उर्स के समापन के बाद जायरीनों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया। उर्स में ढाई लाख जायरीन शामिल होने का दावा किया गया। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के खास इंतजाम किये हैं।
देश विदेश से आये उलेमाओं ने की तकरीर
उर्स-ए-रजवी में कुल की रस्म से पहले देश-विदेश से आए उलमा ने तकरीरें दीं। कारी इकबाल रज़ा मुरादाबादी ने कहा कि मसलक आला हज़रत ही मसलक अहले सुन्नत और मसलक ए हक है। इसी पर सख्ती से कायम रहे। मौलाना सलीम रजा ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर तकरीर दी। मुफ्ती इमरान हनीफ ने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा समाज सुधारक हमारे कोई है तो हमारे पैगंबर ए इस्लाम हैं, जिन्होंने इंसान के हक के लिए आवाज को बुलंद किया है। इस्लामियां इंटर कॉलेज का मैदान जायरीनों से खचाखच भर गया। दोपहर करीब 2.38 बजे आला हजरत के कुल की रस्म अदा की गई।
समाजी मुद्दों पर की गई चर्चा
सीबीगंज के मथुरापुर स्थित मदरसा जमीयतुर्रजा में शुक्रवार को आला हजरत उर्स के मौके पर इमाम अहमद रजा इंटरनेशनल कॉफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें आला हजरत की जिंदगी पर रोशनी डालने के साथ समाजी मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसके बाद मुफ्ती-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। कालपी शरीफ से आए सज्जादानशीं सैयद गयास-ए-मिल्लत ने कहा कि बरेली शरीफ से हमेशा अमन का पैगाम दिया जाता है। मुल्कभर में बेकसूर मुसलमानों पर जुल्म व ज्यादती की जा रही है, हर तरफ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान न लें। उर्स के मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस ने आम लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। झुमका तिराहा, मिनी बाइपास, किला पुल, चौपुला, पटेल चौक, नॉवल्टी, कोहाड़ापीर के मध्य उर्स-ए-रजवी में शामिल होने के अलावा अन्य कार्यों से जाने-आने से बचें।