"छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की अवमानना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग: एडवोकेट योगेश अग्रवाल"
राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने महाराष्ट्र और देशभर के शिवप्रेमियों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना को लेकर गोंदिया शहर कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपविभागीय अधिकारी (एसडीओ) को सौंपा, जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
4 दिसंबर 2023 को, सिंधुदुर्ग जिले की मालवन तहसील स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह प्रतिमा मात्र आठ महीने बाद ही गिर गई। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार के दबाव में घटिया निर्माण कार्य और अनुभवहीन ठेकेदारों की नियुक्ति के कारण यह घटना हुई है। इस घटना को छत्रपति शिवाजी महाराज, जो पूरे देश के आदर्श माने जाते हैं, का अपमान माना जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इस घटना से करोड़ों शिवप्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि इस मामले में ठेकेदार, मूर्तिकार, निर्माण विभाग के अधिकारी, और अन्य दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार से भी इस घटना का जवाब तलब करने की मांग की है।
गोंदिया शहर कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट योगेश अग्रवाल बापू ने इस मुद्दे को लेकर उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उनके साथ इस मौके पर प्रदेश सचिव अमर वराडे, जिला उपाध्यक्ष जहीर अहमद, कृषि उत्पन्न बाजार समिति के उपसभापति पप्पू पटले, एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष कृष्ण बिभर, ओबीसी विभाग के शहर अध्यक्ष सुशील खरकाते, और कई अन्य कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस अवसर पर कांग्रेस ने एक निषेध मोर्चा भी आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस मोर्चे में भाग लेने वालों में अमर वराडे, पप्पू पटले, इमरान कुरेशी, राजीव ठकरेले, अमन तिगाला, नगरत्न बनसोड, विष्णु नगरीकर, टी जी तुरकर, मंथन नंदेश्वर, योगेश भेलावे, कोटेश्वर जामवंत, भरत खापर्डे, पवन नागदेवे, जुनैद पठान, धनीराम बरईकर, कशिश चंद्रिकापुरे, नियाज अली सैयद, शैलेश जयसवाल, प्रकाश पाठक, हर्ष ग्वालवंशी, सौरभ चौहान, देवचंद बिसेन, मनीष चौहान, दीपक बोरकर, भूपेंद्र वैद्य, राजेंद्र दुबे, रामभाऊ शेंडे, रमेश फूले, मोहनचंद्र पवार, अजय राहंगडाले, आकाश उके, राजा खान, मंथन बोपचे, सार्थक बोरकर, सुमित महाजन, अमन भोरे, ओमप्रकाश वंजारी, सौरभ चौहान, और देवेंद्र दमाहे आदि शामिल थे।
इस ज्ञापन और निषेध मोर्चा के माध्यम से कांग्रेस ने इस घटना की तीखी निंदा की और मांग की कि जिम्मेदार लोगों को कठोर सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान बना रहे।