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अक्षतअग्रवाल का हत्यारा गिरफ्तार मृतक ने अपनी हत्या की स्वयं दी थी सुपारी ,पुलिस का खुलासा

सरगुजा छत्तीसगढ़/सुनील गुप्ता/23 अगस्त 24

अक्षतअग्रवाल का हत्यारा गिरफ्तार

मृतक ने अपनी हत्या की स्वयं दी थी सुपारी ,पुलिस का खुलासा



अंबिकापुर /अक्षत अग्रवाल की सनसनीखेज हत्या के मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस ने 24 घंटे के अंदर हत्यारे को धर दबोचा है।
निश्चय सरगुजा पुलिस की यह सफलता कही जाएगी। लेकिन अक्षत अग्रवाल की हत्या को लेकर जो बात सामने आ रही है वह अत्यंत चौंकाने वाली है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक अक्षत अग्रवाल ने स्वयं अपनी हत्या के लिए आरोपी को सुपारी दी थी।
उसने इसके लिए हत्या करने वाले भानु उर्फ संजीव मंडल को₹50000 दिए थे ।साथ में सोने का एक जेवर भी दिया था।
लेकिन सवाल उठता है कि कोई भला अपनी ही हत्या करवाने के लिए किसी को सुपारी क्यों देगा?
सवाल तो यह भी बनता है कि कोई चाहे जितना भी बड़ा अपराधी हो , किसी के कहने पर पैसा लेकर उसकी ही हत्या कर दे। और उससे वजह भी ना पूछे। ऐसा भला कैसे हो सकता है?
सवाल बहुत सारे हैं और हर एक का जवाब भी ढूंढना होगा ।वरना अक्षत अग्रवाल की हत्या एक अनसुलझी पहेली बनकर ही रह जाएगी।
अगर इस कहानी को हम सही मान लें कि उसने स्वयं अपनी हत्या करने के लिए सुपारी दी थी। और वह मरना चाहता था । तब भी सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि आखिर वह मरना क्यों चाहता था? सवाल यह भी होगा की क्या उसके घरेलू संबंध या पारिवारिक संबंध में कड़वाहट थी। या वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था? या फिर उसने करोड़ों का बीमा लिया था?
आखिर जिंदगी से उसका मोह भंग क्यों हुआ था? अगर उसे मरना ही था तो वह आत्महत्या की कोशिश भी कर सकता था।
पहली बात, यह जो कहानी सामने आ रही है, यह पूरी कहानी हत्यारे के बयान पर आधारित लगती है। जबकि वह इस मामले में सच ही कह रहा है ,इसकी क्या गारंटी है?
पुलिस के द्वारा आरोपित के कब्जे से घटना में प्रयुक्त होंडा साईन 48000 नगद एवं दो नग मोबाइल सहित मृतक की दो नग सोने की चैन
एक नग ब्रेसलेट और दो सोने की अंगूठी बरामद की गई है।
इतना ही नहीं उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किए गए तीन नग देशी पिस्टल 32नग जिंदा राऊंड तीन नग खोखा तथा दो नग लोहे का मैगजीन बरामद किया गया है।
यद्यपि तथ्यों के आधार पर आरोपी के द्वारा हत्या किए जाने का पर्याप्त सबूत है। लेकिन हत्या की कहानी में कई पहेलियां छिपी नजर आती हैं।
संभावनाएं कई हैं।हो सकता है बड़ा लेन-देन का विवाद हो। मृतक जैसे तैसे पचास हजार देकर मामला सुलझाना चाहता हो।इसी बीच विवाद बढ़ा हो। और हत्यारे ने गोली मारी हो। और हत्यारे के कहने भर से कैसे मान लिया जाए कि मृतक के द्वारा दी गई रकम पचास हजार रुपए ही थे।
फिलहाल सवाल तो कई है लेकिन पुलिस के अनुसार 20 अगस्त की शाम 6:00 बजे अक्षत अग्रवाल घर वालों को बताए बिना अपनी गाड़ी में कहीं चल दिया था। जिसकी रिपोर्ट उसी दिन उनके पिताजी महेश केडिया ने थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपने सूत्रों का इस्तेमाल कर हत्यारे का सुराग लगाया। और उसकी निशानदेही पर अक्षत अग्रवाल की लाश उसकी कार से बरामद किया । आरोपी द्वारा हत्या की स्वीकृति पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

सरगुजा छत्तीसगढ़ से सुनील गुप्ता की रिपोर्ट

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