logo

कड़वा हे मगर सच हे।

अगर प्राइवेट स्कूल के टीचर 5000–10000 हजार सेलरी ले कर घर घर जा के बच्चों को अपने स्कूल में एडमिशन लेने के लिए मोटीवेट कर सकते हे। और अच्छा रिजल्ट देने का दावा करते है।तो सरकारी स्कूलों के टीचर ऐसा क्यों नी कर सकते । बच्चों को और परिवार वालो को कॉन्फिडेंस में लेने के लिए।
क्या वो अपनी बेइजती समझते हे । सरकारी नोकरी हे ।या पैसे सरकार ने देने बस । तभी तो स्कूल बंद होने के फैसले ले रही हे सरकार । कुछ आप भी अपने गांव और आस पास में स्कूल बंद न होने के लिए कार्य करें। लोगों को मोटीवेट करें । बच्चों और मां बाप को अच्छे रिजल्ट का दावा करें। और अपने दिए हुए विश्वास पर खरे उतरे। बात सच्ची हे। कड़वी जरुर लगेगी। अगर स्कूल में बच्चे नहीं होंगे तो उन स्कूलों को बंद करेगी चाहे कोई भी सरकार होगी। आज तक एक बात समझ नही आई नोकरी सब को सरकारी चाहिए । और बच्चे प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाने है । सबसे पहले सरकारी एम्प्लॉय को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में डालने चाहिए । ताकि पता लगे की स्कूल की परफॉमेंस क्या । तब जा के सारे स्कूल भी । अच्छे चलेंगे और कोई स्कूल भी बंद नी होगा ।

5
5751 views