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रियाजुल हक पत्रकार एवं समाजसेवी जौनपुर

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रियाजुल हक खान पत्रकार
रियाजुल हक खान का जन्म राजस्थान के कोटा जिले के एक गांव दरा स्टेशन में वर्ष 1983 में हुआ था, इनके पिता एहसानुल हक खान रेलवे में एक अधिकारी के पद पर नियुक्त थे,माता सहाबुन निशा जौनपुर जिले के केराकत तहसील मुरकी गांव की एक प्रतिष्ठित सिंगापुरी कारोबारी सैय्यद अली की बेटी थी ।रियाजुल हक मूलत: जौनपुर शहर के मोहल्ला अहमद खान मंडी सिटी स्टेशन रोड के निवासी हैं,इनके दादा नबी बक्स खां एक प्रसिद्ध इत्र कारोबारी थे,रियाजुल हक की प्राथमिक शिक्षा कोटा जिले में ही हुई मात्र 13 वर्ष की आयु में ही इन्होंने राजस्थान के राज्यपाल से ऑल इंडिया जनरल नॉलेज कंपटीशन में राजस्थान का नाम रोशन करने पर एक प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया था ,इन्होंने शहर के ही मोहम्मद हसन से ग्रेजुएशन के बाद अपनी एम ए इंग्लिश की पढ़ाई प्रसिद्ध तिलकधारी महाविद्यालय से पूरी की,बाद में इन्होंने बीएड सल्तनत बहादुर डिग्री कॉलेज बदलापुर से किया,
उर्दू डेली आग से पत्रकारिता में कदम रखने वाले रियाजुल हक इस वक्त एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क एजेंसी के माध्यम से विभिन्न अखबारों में अपनी क्षेत्रीय खबरों को देते रहते हैं जो विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में छपती है ।पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जनरलिस्ट की उप्र इकाई के यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के 10 साल से मेंबर भी हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जो समाज में उत्पन्न विभिन्न कुर्तियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं अपनी संस्था अशियम जनकल्याण फाउंडेशन के माध्यम से यह जिले में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों को भी अंजाम देते रहते हैं जौनपुर जिले में मिलने वाली लावारिस शव का अंतिम संस्कार भी उनकी संस्था लावारिश लाश इंतजामिया कमेटी करवाती है उसके वह अध्यक्ष भी हैं। भारतीय पत्रकार सुरक्षा मिशन रजिस्टर्ड के वह प्रदेश उपाध्यक्ष के पद को भी यह सुशोभित कर रहे हैं। इनका विवाह वर्ष 2012 में नाजिया से हुआ था लेकिन लंबी बीमारी के बाद उनकी पत्नी का देहांत 2020 में हो गया इनके दो बच्चे अफ्शा और अशियम हैं।

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