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नागपुर में मेडिकल-मेयो में अब तक 90 मरीजों की मौत, प्राइवेट ओपीडी बंद होने से भटकते रहे मरीज

नागपुर: निवासी डॉक्टरों की हड़ताल के पांचवें दिन भी सरकार द्वारा मांगों को लेकर कोई हल नहीं निकाला गया। सरकार भी अपनी जिद पर अड़ी हुई है। निवासी डॉक्टरों के साथ ही इंटर्न, बांडेड डॉक्टर भी कामबंद आंदोलन में शामिल हो गये हैं। वार्डों में मरीजों के बुरे हाल हो रहे हैं। ओपीडी में लंबी कतार लग रही है। इतना ही नहीं शनिवार को प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी से डॉक्टर नदारद रहे। पिछले पांच दिनों के भीतर मेडिकल और मेयो में 90 मरीजों की मौत हुई है। डॉक्टरों ने दिनभर आंदोलन किया। ओपीडी के सामने प्रदर्शन कर अपना विरोध भी प्रकट किया। अब डॉक्टरों की हड़ताल गंभीर स्थिति में पहुंच रही है। सेंट्रल मार्ड पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सहित अन्य मांगें कर रहा है। अब तक सेंट्रल मार्ड के साथ वैद्यकीय आयुक्त, सचिव और संचालक के साथ 2-3 दौर की बैठकें भी हुईं लेकिन सरकार लिखित आश्वासन देने को तैयार नहीं है। दोनों के बीच संघर्ष की वजह से आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है। बीमारियों के सीजन में मरीजों को बिना इलाज के ही लौटने जैसी नौबत आ गई है।
नियोजित ऑपरेशन रद्दः हालांकि अब तक इमरजेंसी सेवा जारी है। इस वजह से गंभीर मरीजों सहित आईसीयू में भर्ती मरीजों का योग्य उपचार हो रहा है लेकिन नियोजित ऑपरेशन रद्द किये जाने से मरीजों की प्रतीक्षा बढ़ गई है। वार्ड में भर्ती मरीजों को हड़ताल खत्म होने का इंतजार है। मंगलवार से लेकर शनिवार की दोपहर 2 बजे तक मेडिकल में 64 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, मेयो में 24 मरीजों ने दम तोड़ा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि मरीजों की मौत के लिए हड़ताल जिम्मेदार नहीं है। कुछ मरीज गंभीर थे और कुछ की बीमारी व वृद्धावस्था के चलते मौत हुई है।

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