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पैंथर के अटेक से स्कुली छात्र कि हुई दर्दनाक मोत: ग्रामीण पेंथर को ट्रेक्युलाइज पर अडे: बिछीवाड़ा के गोपामाता के जंगलों में पैंथर का आतंक, दो माह में दुसरी बड़ी घटना

उदयपुर। जिले के फलासिया तहसील क्षेत्र के बिछीवाड़ा गोपामाता मन्दिर के उस पार धरेल महादेव कि पहाड़ियों में पैंथर ने एक स्कूली छात्र को शिकार बनाया है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार धरेल महादेव से उपर पिपला फला पहाड़ी से शिव खराड़ी उम्र 10 वर्ष अपने बड़े भाई के साथ हर रोज की तरह स्कूल जा रहा था। इसी दोहरान अचानक आए पैंथर ने शिव खराडी को गर्दन से दबोच लिया। वहीं साथ चल रहे बच्चे चिखने चिल्लाने लगे जिससे पीछे चल रही दो महिलाओं ने मोके पर पत्थर बरासाए । जिससे आदमखोर पैंथर शिव खराड़ी को घसीटते हुए पास ही छोड़ कर भाग गया। जिसकी सुचना बिछीवाड़ा के ग्रामीण को दी गई। जिसके बाद बिछीवाड़ा सहित आस पास के सेकंडों ग्रामीणों मौके व पुलिस प्रशासन सहित वन विभाग की ठिम मौके पर पहुंची।

बैल व दो पालतु कुत्तों सहित दस बकरियों का कर चुका शिकार, ट्रेक्युलाइज कि मांग पर अडे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि आदमखोर पैथर ने पिछले 2 माह में एक बैल सहित 10 बकरियों का शिकार कर दिया है। जिसमें नाथुलाल का एक बैल, हकरा कटारा कि दो बकरियां, पुनमचन्द कि एक बकरी, देवीलाल कि एक बकरी, हरिश भगोरा कि एक बकरी, शंकर ननामा की एक बकरी, नानुडी बाई के दो पालतु कुत्तों सहित 4 अन्य बकरियो का शिकार किया है। जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। वन विभाग द्वारा पिछली बार भी पिंजरा लगाया गया लेकिन आदमखोर पैंथर वन विभाग कि पकड़ से दुर था। वन विभाग द्वारा पैंथर को ट्रेक्युलाइज करना चाहिए।

बिछीवाड़ा से 3 किलोमीटर दुर पिपला फला से 20 से 30 बच्चे हर रोज आ रहे पढ़ने।

बिछीवाड़ा से बिडा फला होते हुए गोपामाता के उस पार धरेल महादेव से उपर पिपला फला गांव है। जिसकी बिछीवाड़ा से 3 किलोमीटर है। वहीं इस गांव में 50 परिवारों के 150 ग्रामीण निवास करते हैं। जहां से 20 से 30 बच्चे हर रोज बिडा फला व बिछीवाड़ा में पड़ने को आते हैं। साथ ही यहां के ग्रामीणो का रोजमरा के कार्यों हेतु इसी रास्ते का प्रयोग किया जाता है। जिससे ग्रामीण दहशत के माहौल में जीवन यापन करते हैं।

महुआ बिनने गए व्यक्ति पर किया था हमला

इससे पुर्व बिछीवाड़ा के लक्ष्मी लाल भाट उम्र 55 वर्ष अपनी पत्नी के साथ अल सुबह जंगल में महुआ बिनने गया । जिसे पैथर ने गले में दबोचकर मोत के घाट उतार दिया। वहीं मोके पर शव के लेकर इधर उधर गुमने के बाद कमदी के पैड के नीचे रखकर नोचने लगा। ग्रामीणों के पत्थर फेंकने शोर मचाने तक पैथर मृतक लक्ष्मी लाल को घटना स्थल पर छोड़कर जंगलों में ओझल हो गया।

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