अखंड भारत दिवस 14 अगस्त का महत्व जानें देशवासी - हिन्दू महासभा
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस के रूप में मनाया। देश भर में जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए एवम तिरंगा यात्राये निकाली गई। स्वततंत्रता संग्राम की बालिवेदी पर बलिदान हुए हुतात्मा वीरों और वीरांगनाओं के साथ देश विभाजन की सांप्रदायिक हिंसा में मारे भारतीय नागरिकों को याद करते हुए सभी हुतात्मा बलिदानियों को नमन किया गया।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने देशवासियों को 14 अगस्त पर संदेश देते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 की अर्धरात्रि को भारत माता के दो टुकड़े हुए पाकिस्तान नामक इस्लामिक राष्ट्र अस्तित्व में आया। पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद खंडित भारत को सत्ता हस्तांतरण के माध्यम से स्वतंत्र घोषित किया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संदेश में " हिंद की आजादी अधूरी है हिन्दू राष्ट्र जरूरी है " का उद्घोष करते हुए कहा कि भारत को आजादी आधी रात को मिली थी लेकिन सवेरा अभी तक नही हुआ है। यह सवेरा खंडित भारत के पुनः अखंड होने और हिन्दू राष्ट्र घोषित होने के बाद घोषित होगा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने जारी बयान में कहा कि देश विभाजन में हुए सांप्रदायिक दंगा मानव जाति का सबसे बड़ा दंगा है, जिसमे तीस लाख से अधिक हिंदुओं की जान गई और करोड़ों हिन्दू अपने घर, जमीन और व्यापार से बेदखल हुए। उन्होंने कहा कि देशवासियों को अखंड भारत दिवस का महत्व जानना चाहिए और अखंड भारत हिन्दू राष्ट्र निर्माण के धर्मयुद्ध में सहयोग देकर वीर सावरकर और बलिदानी भारतवासियों के अधूरे स्वप्न को पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए।