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Asansol – Warangal Corridor : खर्च होंगे 7383 करोड़ रुपये, कैबिनेट से मंजूरी

( Asansol – Warangal Corridor ) : खर्च होंगे 7383 करोड़ रुपये, कैबिनेट से मंजूरी ।
आज (10.8.2024) प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने आसनसोल से वारंगल तक रेल कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है । जो कोयला परिवहन के साथ-साथ यात्री आवागमन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग होगा । यह आसनसोल-वारंगल कॉरिडोर, गुनुपुर-थेरुबली नई लाइन, जूनागढ़-नबरंगपुर नई लाइन और मलकानगिरी-पांडुरंगपुरम (भद्राचलम होते हुए) नई लाइन को कवर करेगा। इस परियोजना के लिए 7383 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिससे 500 से 700 किलोमीटर की यात्रा कम हो जाएगी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने देश भर में 8 नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये आठ नई लाइन परियोजनाएँ अर्थात 1) गुनुपुर – थेरुबली (नई लाइन 73.62 किमी), 2) जूनागढ़ – नबरंगपुर (116.21 किमी), 3) बादामपहाड़ – कंदुझारगढ़ (82.6 किमी), 4) बंगरीपोसी – गोरुमहिसानी (85.60 किमी), 5) मलकानगिरी – पांडुरंगपुरम वाया भद्राचलम (173.61 किमी), 6) बुरामारा – चाकुलिया (59.96 किमी), 7) जालना – जलगाँव (174 किमी) और 8) बिक्रमशिला – कटारेह (26.23 किमी) भारतीय रेलवे नेटवर्क का लगभग 900 किमी तक विस्तार करेंगी। 8 परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 24,657 करोड़ रुपये है, और इनके 2030-31 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के लिए मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
बुरामारा – चाकुलिया नई लाइन (59.96 किमी)

झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के पूर्वी सिंहभूम, झारग्राम और मयूरभंज जिलों को जोड़ेगी। यह परियोजना कनेक्टिविटी में सुधार करेगी और खाद्यान्न और खनिजों के परिवहन को सुविधाजनक बनाएगी, जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।

Asansol -Warangal Corridor
गुनुपुर-थेरुबली (नई लाइन) – जूनागढ़-नबरंगपुर – मलकानगिरी – पांडुरंगपुरम (भद्राचलम होकर)

( Asansol -Warangal Corridor ) भारत के पूर्वी तट के समानांतर नया रेल कॉरिडोर : इससे तटीय आवागमन के लिए अतिरिक्त रेल मार्ग मिलेगा। मौजूदा: विजयवाड़ा -विशाखापत्तनम-भुवनेश्वर-कोलकाता। नया: वारंगल – भद्राचलम – मलकानगिरी – जयपुर – टिटलागढ़ – संबलपुर – राउरकेला – टाटा – आसनसोल।

ये तीनों परियोजनाएँ आसनसोल से वारंगल तक एक विस्तारित गलियारा बनाएंगी, जो खनिज सुरक्षा, खाद्यान्न परिवहन, आर्थिक स्थिरता और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। आसनसोल- रानीगंज-अंडाल-पंडाबेश्वर कोलफील्ड बेल्ट से कोयला यातायात को पूर्वी तट क्षेत्र के बंदरगाहों तक पहुँच के साथ दक्षिणी और साथ ही उत्तर पूर्वी राज्यों में परिवहन का आसान मार्ग मिलेगा। यह मार्ग निश्चित रूप से इस क्षेत्र में खनिजों और अन्य औद्योगिक इनपुट की आवाजाही में मदद करेगा, जिससे आर्थिक और औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
परियोजनाएँ निर्माण के दौरान लगभग 3 करोड़ मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, और क्षेत्र के आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगी, बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार के अवसर और बुनियादी ढाँचे का विकास प्रदान करेंगी।

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