Aluminium ,आपकी रसोई में बैठा हुआ आपका दुश्मन - डॉ॰ ऋतिक शर्मा ।
आज ही रसोई से बाहर करें एल्युमीनियम के बर्तन ।।
एल्यूमिनियम के बर्तन आपके स्वास्थ्य के दुश्मन हैं, उन्हें अपने रसोईघर से तुरंत बाहर निकालें
लेखक: डॉ. ऋतिक शर्मा, होम्योमाइंडस, मंझोटी
हमारा रसोईघर वह स्थान है जहां से हमारे शरीर को पोषण मिलता है। यहां इस्तेमाल होने वाले बर्तन, हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आजकल एल्यूमिनियम के बर्तन हर घर में पाए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बर्तन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने हानिकारक हो सकते हैं?
एल्यूमिनियम: चुपचाप घातक
एल्यूमिनियम एक धातु है जो अपनी हल्के वजन और अच्छे तापीय चालकता के कारण किचन में बर्तनों के रूप में बहुत लोकप्रिय है। लेकिन इसकी इसी विशेषता के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा भी बन सकती है। जब हम एल्यूमिनियम के बर्तनों में खाना पकाते हैं या उन्हें भोजन को स्टोर करने के लिए उपयोग करते हैं, तो एल्यूमिनियम के सूक्ष्म कण भोजन में मिल जाते हैं। यह प्रक्रिया इतनी धीमी और अदृश्य होती है कि हमें इसका तुरंत पता नहीं चलता, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग करने से यह हमारे शरीर के लिए चुपचाप घातक साबित हो सकता है।
#### कैसे होती है यह घातकता?
1. **भोजन में धातु का मिश्रण**: जब भोजन एल्यूमिनियम के बर्तनों में पकाया या स्टोर किया जाता है, तो विशेष रूप से अम्लीय खाद्य पदार्थ (जैसे टमाटर, नींबू का रस, इत्यादि) एल्यूमिनियम को घोलने में सक्षम होते हैं। इस प्रक्रिया से एल्यूमिनियम के कण धीरे-धीरे भोजन में मिलते रहते हैं, जो हमारे शरीर में जमा होते जाते हैं।
2. **संचय का प्रभाव**: शरीर में एक बार एल्यूमिनियम जमा हो जाने के बाद, इसे बाहर निकालना कठिन होता है। यह धातु शरीर के विभिन्न अंगों में जमा होती रहती है, जैसे कि मस्तिष्क, हड्डियाँ, और किडनी। यह संचय धीरे-धीरे हमारे अंगों की कार्यक्षमता को प्रभावित करने लगता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
3. **मस्तिष्क पर प्रभाव**: एल्यूमिनियम का संचय मस्तिष्क की कोशिकाओं में पहुँचकर न्यूरोटॉक्सिन के रूप में कार्य करता है। यह कोशिकाओं के सामान्य कार्य में बाधा डालता है और अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, कई शोधकर्ता एल्यूमिनियम को मस्तिष्क की कार्यक्षमता के लिए एक संभावित खतरे के रूप में देखते हैं।
4. **हड्डियों की क्षति**: शरीर में एल्यूमिनियम का जमा होना कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे वृद्धावस्था में हड्डियों का टूटना और दर्द की समस्याएं हो सकती हैं।
5. **किडनी पर बोझ**: किडनी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती हैं, लेकिन जब शरीर में एल्यूमिनियम की मात्रा बढ़ जाती है, तो किडनी पर अत्यधिक बोझ पड़ता है। यह उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और समय के साथ किडनी फेलियर का जोखिम बढ़ जाता है।
### स्वास्थ्य पर अन्य प्रभाव
एल्यूमिनियम के अत्यधिक सेवन से कई अन्य गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं:
1. **मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं**: एल्यूमिनियम का अधिक मात्रा में सेवन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. **हड्डियों का कमजोर होना**: यह धातु शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बाधित करती है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।
3. **पाचन तंत्र पर असर**: एल्यूमिनियम के कण पेट और आंतों में जाकर उन्हें प्रभावित करते हैं, जिससे पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
### विकल्प क्या हैं?
अगर आप अपने परिवार की सेहत को लेकर चिंतित हैं, तो एल्यूमिनियम के बर्तनों को रसोई से बाहर करने का यही सही समय है। इसके बजाय, स्टेनलेस स्टील, लोहे, तांबे, या कांच के बर्तनों का उपयोग करें। ये बर्तन न केवल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि इनके उपयोग से भोजन का स्वाद भी बेहतर रहता है।
### निष्कर्ष
हमारा स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है और उसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। एल्यूमिनियम के बर्तनों के हानिकारक प्रभावों को देखते हुए, हमें इन्हें अपने रसोई से बाहर करना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और अपने परिवार को एल्यूमिनियम की चुपचाप होती घातकता से बचाएं।
**डॉ. ऋतिक शर्मा**
*प्रबंध निदेशक, होम्योमाइंडस, मंझोटी*
*राज्य अध्यक्ष, अखिल भारतीय चिकित्सक संघ*
*संपर्क करें: +91 7740023824*