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भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा

भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हराया। भारत के लिए दोनों गोल भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किए। उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में से एक माना जाता है और उन्होंने पेरिस में 10 गोल करके इसे साबित भी किया। भारतीय हॉकी टीम ने 52 साल बाद ओलंपिक में लगातार 2 मेडल जीते हैं।

भारत की ओलंपिक खेलों में भागीदारी का श्रेय भारतीय ओलंपिक संघ के संस्थापक मोईन उल हक़ को जाता है जिनकी वजह से सन 1924 में आधिकारिक रूप से भारतीय टीम ने ओलंपिक में हिस्सा लेना शुरू किया।

सन 1881 में नालंदा जिले के अस्थावां शहर में जन्मे सैयद मोहम्मद मोइन उल हक अद्भुत प्रतिभा और विलक्षण बुद्धि के मालिक थे। सन 1924 में, मोइन उल हक के नेतृत्व में, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की स्थापना की गई, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। भारतीय ओलंपिक खेल उसी वर्ष फरवरी में दिल्ली में हुए, जो आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय प्रतिभागियों की पहचान करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए एक मंच के रूप में काम कर रहा था। भारतीय ओलंपिक संघ ने द्विवार्षिक खेलों का आयोजन जारी रखा और सन 1940 में बॉम्बे में आयोजित 9वें संस्करण का नाम बदलकर राष्ट्रीय खेल कर दिया गया। इसी समय के दौरान भारतीय ओलंपिक संघ ने इन खेलों को समग्र रूप से राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने की अवधारणा को मजबूत किया। जब तक वो ज़िंदा रहे भारतीय टीम ओलंपिक में कोई न कोई मेडल हासिल करती रही, और ख़ास कर हॉकी में। 1928 से 1956 तक लगातार 6 बार भारतीय हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता। 1960 में सिल्वर और पुन: 1964 में गोल्ड मेडल हासिल किया। 1968 एवं 1972 में ब्रॉन्ज तथा 1980 में एक बार फिर भारतीय हॉकी टीम ने मोईन उल हक़ के जवार के रहने वाले ज़फ़र इक़बाल की कप्तानी में गोल्ड मेडल जीता।
साभार – मोईन उल हक़ के अंश साभार हेरिटेज टाइम्स

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