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"एक नई उम्मीद कमेटी" छितही संस्था ने पित्त की थैली मे पथरी की पीड़ा से कराह रही बेबस महिला का इलाज कराकर लौटाई परिवार की खुशियां
"एक नई उम्मीद कमेटी" संस्था ने पित्त की थैली मे पथरी की पीड़ा से कराह रही बेबस महिला का इलाज कराकर लौटाई परिवार की खुशियां
संतकबीरनगर।
इन्सान का दर्द बेहद ही असहनीय होता है। फिर चाहे वह शारिरिक हो या मानसिक। यह दर्द तब और कष्टदायक हो जाता है जब उस इन्सान का दूर दूर तक कोई मददगार ना नजर आता हो। ऐसे मे जब युवाओं की एक संवेदनशील टोली उस इन्सान के दर्द के साथ ही परिवार की चिन्ताओं को हरण करने के लिए एक टीम सामने आकर संकटमोचक की भूमिका निभाती है तो वह टीम पीडित परिवार के लिए किसी देवदूत से कम नही होती है। कुछ ऐसे ही संकटमोचक की भूमिका मे पिछले दिनों नाथनगर ब्लाक के छितही स्थित नौजवानों की समाजसेवी टीम " एक नई उम्मीद कमेटी" की कार्यप्रणाली नजर आई। कभी लाकडाउन मे जरूरत मंदों की मदद मे खाद्य सामग्री से लगायत अन्य जरूरी सामान निःशुल्क वितरित करने वाली इस टीम ने गरीब बेटी की शादी का जिम्मा उठा कर लोगों के लिए प्रेरणा का आयाम स्थापित किया था। पिछले दिनों क्षेत्र की ही एक गरीब महिला पित्त की थैली मे पथरी की समस्या के चलते दर्द से कराह रही थी। आर्थिक तंगी के चलते परिजन इलाज कराने मे भी बेबस नजर आ रहे थे। महिला के दर्द की पीड़ा गांव से छनती हुई छितही स्थित "एक नई उम्मीद कमेटी" के आफिस तक पहुंची। ग्राम भगौतीपुर निवासी दर्द से तडफती बेबस महिला खुशनुमा खातून की कराह जब कमेटी के अध्यक्ष रेहान परवेज़ खान, और सलाहकार परवेज खान के पास पहुंची तो कमेटी के सदस्यों से उक्त महिला को दर्द और तड़फ से छुटकारा दिलाने का निश्चय हुआ। इस स्वयं सेवी संस्थान ने उस मरीज़ का ऑपरेशन कराने का फैसला किया। अध्यक्ष रेहान परवेज खान ने बताया कि पीड़ित महिला के परिवार की माली हालत बहुत खराब थी। पति मजदूरी करके अपने घर का खर्च चलाता है इनके परिवार में दो लड़कियां व दो लड़के और पति पत्नी रहते थे। उनके पत्नी के पित्त में कई सालो से पथरी थी मगर अफसोस यह था कि उनके पास दर्द की दवा खाने के भी पैसे ना थे। ये बात "एक नई उम्मीद कमेटी छितही" को मिली तो कमेटी के अध्यक्ष वे अपने भाई वकास परवेज़ खान के साथ पीडित के घर पहुंच गए और पीड़िता खुशनुमा खातून ने अपनी हालत बताई । उसने बताया कि पथरी उसे कई सालों से थी मगर उसके घर का खर्च बड़े मुश्किल से चल पाता था इसलिए वह अपनी दवा नहीं करवा पा रही थी। चिकित्सकों के अनुसार उसके पित्त की थैली मे पथरी थी और उसका आपरेशन बेहद आवश्यक है। अब अगर ज्यादा दिन रहा तो जान को भी खतरा हो सकता है। ये बात सुन कर फौरन "एक नई उम्मीद कमेटी" ने इनके ऑपरेशन कराने की जिम्मेदारी ले ली और बस्ती में स्थित श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल में ऑपरेशन करा दिया गया और ऑपरेशन कामयाब रहा। इस बीमारी से निजात मिला तो परिवार के साथ ही क्षेत्र के लोगों ने भी इस कमेटी के सदस्यों दिल से सैल्यूट किया। टीम के सदस्यों फैजान परवेज़ खान, आसिफ जमील खान,साकिब खान, वकास परवेज़,ज़ीशान ,नौशाद की इस उपलब्धि पर लोग भी हर्षित हैं।