একটা পুরো দেশ হয়ে গেলো গণতন্ত্র থেকে সেনাধীন, একেবারে পাকিস্তান, আফগানিস্তান, শ্রীলংকার মতো,
एक पूरा देश लोकतंत्र से सैन्य शासन में चला गया है, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका की तरह
একটা পুরো দেশ হয়ে গেলো গণতন্ত্র থেকে সেনাধীন, একেবারে পাকিস্তান, আফগানিস্তান, শ্রীলংকার মতো, এই দেশের প্রধানমন্ত্রীও দেশ ছাড়া হয়ে গেলো, মানে তাড়িয়ে দিলো কট্টর পন্থীরা। তাতেও তারা ক্ষান্ত হয়নি - তাদের দেশের জাতীয় জনকের প্রতিমূর্তির উপর চেপে হাতুর , শাবল, ছেনি , যা পেয়েছে তাই দিয়ে তাদের জাতির জনকের মূর্তি ভেঙে সম্মান জানালো। এরপরেও তারা থামেনি - প্রধানমন্ত্রীর বাসভবন লুটপাট করলো, ছাগল, শাড়ী, অন্তর্বাস, চেয়ার, টেবিল, বেঞ্চ, আলমারি, ওয়ার্ডরোব , খাট বিছানা সব কিছু, আর ঘোরতর ভারত বিরোধী কথা বার্তা ও গালি গালাজ, তাতেও তারা থেমে নেই - সংখ্যা লঘু সম্প্রদায়ের ঘর বাড়ি ঢুকে ভাংচুর, লুটপাট ও ঘর থেকে বাইরে টেনে এনে মারধর করে সংখ্যা লঘু সম্প্রদায় কে সম্মান জানাচ্ছে। কত নিচে নেমে গেলে এমন আতঙ্কবাদী কান্ড করা যাই? ইটা ভাবার বিষয় ! এতো কিছু হওয়ার পরে ও ভারতীয় সেলিব্রিটিরা চুপ কেন ? যাদের প্যালেসটিন নিয়ে মাথা বেথা হচ্ছিলো ? ১৯৭১ এ ভারতের সহযোগিতায় বাংলাদেশ গড়ে উঠেছিল, তাদের অদূর ভবিষ্যৎ ভালো কাটবে সেজন্য, তারা ধীরে ধীরে কট্টরপন্থী দ্বেষ
एक पूरा देश लोकतंत्र से सैन्य शासन में चला गया है, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका की तरह इस देश के प्रधानमंत्री भी बिना देश के हो गए हैं, यानी कट्टरपंथियों ने उन्हें भगा दिया है। वे इतने पर ही नहीं रुके - उन्होंने अपने देश के राष्ट्रीय नेता की छवि को हथौड़े, छेनी, छेनी, जो भी मिला उससे कुचल दिया और अपने राष्ट्रपिता की छवि को सम्मान दिया। फिर भी वे नहीं रुके - उन्होंने प्रधानमंत्री आवास, बकरियाँ, साड़ियाँ, अंडरवियर, कुर्सियाँ, मेज, बेंच, अलमारियाँ, अलमारी, बिस्तर, सब कुछ लूट लिया और भारत विरोधी शब्द और गालियाँ दीं, वे वहाँ नहीं रुके - घर वे अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में घुसकर, लूटपाट करके और उन्हें घरों से खींचकर और पीटकर अल्पसंख्यक समुदाय का सम्मान कर रहे हैं। ऐसी आतंकवादी हरकत करना कितना निचला स्तर है? ये सोचने की बात है! इतना कुछ होने के बाद भी भारतीय सेलिब्रिटी चुप क्यों हैं? जिनको फ़िलिस्तीन की चिंता थी? 1971 में भारत की मदद से बांग्लादेश का निर्माण हुआ, ताकि उनका निकट भविष्य बेहतर हो, उन्हें धीरे-धीरे कट्टरपंथी बनाया गया।