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हिन्दू एवं मुस्लिम के नाम का सहारा लेकर मदरसा हमीदिया समसुल उलूम के संचालक शमसुद्दीन ने 50 लाख का सरकारी धन हड़पा

शहडोल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कागजों में संचालित मदरसा हमीदिया शम्सुल उलूम खैरहा की मान्यता रद की गई है, इसमें भ्रष्टाचार का ऐसा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसने गाव के गणमान्य नागरिकों, व्यापारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों के हिंदू एवं मुस्लिम बच्चों के नाम विद्यार्थी के रूप में दर्ज कर सरकारी अनुदान हड़पा है। इस मदरसे में विद्यार्थी दर्शाए गए जिन बच्चों के नाम सामने आए हैं, उनमें कोई अन्य राज्य में रह रहा,कोई शादी करके अपने ससुराल में निवासरत है, तो कोई बड़े पद पर नौकरी कर रहा है,आश्चर्यजनक बात ये है कि इसमें मृतकों के नाम भी दर्ज हैं और तो और जिससे कलम पकड़ते नहीं बन रहा उसका भी नाम इस मदरसे में दर्ज है। इस मदरसे में 60 वर्ष से अधिक व्यक्ति के नाम दर्ज पाए गए एवं जन्म होने के पहले एक छात्र का नाम इस मदरसे में दर्ज पाया गया|।

*दिए गए अनुदान का भंडा फूटा आर टी आई से जानकारी निकला-*

*राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् दिल्ली के अधिकारियों के अनुसार-* इस फर्जी मदरसे में वित्तीय वर्ष 2014 से 2022 तक 9 वर्ष में *34,31,200/- (चौंतीस लाख इकतीस हजार दो सौ रुपये) का अनुदान लिया जा चुका है।*

*जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के अनुसार-* इस मदरसे में वित्तीय वर्ष 2003 से 2021-22 तक केन्द्रांश अंश के रूप में 100800/-(दस लाख आठ हजार रुपये) एवं राज्यांश के रूप में 216000/- (दो लाख सोलह हजार रुपये)
*कुल 1224000/- (बारह लाख चौबीस हजार रुपये) का अनुदान लिया जा चूका है|*
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक मदरसा रिपेयर एवं इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु कुल राशि *146400/- एक लाख छियालीस हजार रुपये का भुगतान मदरसा को भुगतान किया गया|*

*मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल के अनुसार-* इस मदरसे में माध्यान भोजन के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक कुल *राशि 232,538.39/- (दो लाख बत्तीस हाजार पांच सौ अडतीस रुपये उनतालीस पैसे) का अनुदान लिया जा चूका है|*

इस प्रकार कुल राशि *5034138.39/- (पचास लाख चौंतीस हजार एक सौ अडतीस रुपये उनतालीस पैसे) का अनुदान लिया जा चूका है|*
इसके अलावा अन्य सामग्री जैसे पाठ्य पुस्तक लाइब्रेरी का कोई गिनती शामिल नहीं है

इसके बाद इस मदरसों को मिलने वाले बजट और इनके निगरानी तंत्र राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् दिल्ली, मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल एवं संकुल प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खैरहा पर ही सवाल खड़ा हो गया है।

मदरसा हमीदिया शम्सुल उलूम खैरहा (गरीब नवाज़ एजुकेशन सोसाइटी) मदरसे में 17 हिन्दु दर्शाए गए, संचालक का नाम,संचालक के पुत्र का नाम,भतीजा,भतीजी का नाम,साले का नाम,भांजा का नाम,दामाद,बहु का नाम, शिकायतकर्ता मो गुलामुद्दीन एवं शिकायतकर्ता के भाई मो अल्ताफ रज़ा का नाम भी मदरसे में दर्ज|
कुछ फर्जी छात्र छात्राओं के नाम निम्नलिखित है-
*सत्र 2014-16 में दो वर्षीय कैलीग्राफी एंड ग्राफ़िक डिजाईन कोर्स में कुछ दर्ज छात्र छात्राए*
१. मो असद पिता मो अरसद निवासी ग्राम धिरौल जिला अनुपपुर (म.प्र.) जो कि मदरसा संचालक का भांजा है और ये भोपाल से अपनी पढाई पूरी किये है|
२. आकिब जावेद पिता अबू अबैदा निवासी खैरहा जिला शहडोल जो कि संचालक का भतीजा है ये अपनी दूकान चलाता है एवं कुछ दिनों तक मदरसे का सञ्चालन भी किया है|
३. मो मसूद गाजी पिता शमसुद्दीन निवासी खैरहा जिला शहडोल जो कि संचालक का पुत्र है और ये रसिया से MBBS की पढाई पूरी करके इसी वर्ष वापस लौटा है| और इसका नाम विभिन्न कोर्स में दर्ज है|
४. आकाश वर्मा निवासी खैरहा जिला शहडोल ये हिन्दू है और सेना का जवान है|

*सत्र 2015-17में दो वर्षीय कैलीग्राफी एंड ग्राफ़िक डिजाईन कोर्स में हिन्दू दर्ज छात्र *
1. राजन कोरी पिता रामखेलावन कोरी निवासी ग्राम खैरहा जो कि कुरीयर का काम करते है|
2. अशोक कोरी पिता पूरण कोरी निवासी खैरहा जो कि अपने घर के काम बंटाते है एवं घर में रहकर तैयारी कर रहे है|
*सत्र 2016-18 में दो वर्षीय कैलीग्राफी एंड ग्राफ़िक डिजाईन कोर्स में दर्ज कुछ संदेह छात्र छात्राए*
1. मो इकबाल अहमद पिता जुबैर निवासी ग्राम पो खैरहा शहडोल जो कि मदरसा संचालक मो शमसुद्दीन का भतीजा है और खैरहा स्थित अशरफी किराना स्टोर का देखरेख करता है| मो इक़बाल के नाम इस मदरसे में कई कोर्स के लिए दर्ज है जैसे इसने सत्र 2016-18 में दो बार इसके नाम दर्ज पाए गए,एवं इसी कोर्स में सत्र 2022-24 में भी दर्ज किये गए है| एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में भी सत्र 2014-15.में दो बार इसका नाम दर्ज पाया गया | जबकि मो इकबाल का नाम इस संस्था में दो वर्षीय फंक्शनल अरबिक सेण्टर इंचार्ज में भी दर्ज है|
2. इसी प्रकार जमाल अशरफ पिता जुबैर ये भी भतीज है और दूकान संचालित करता है|
3. शिकायतकर्ता मो गुलामुद्दीन पिता अजीम निवासी ग्राम पो खैरहा जिला शहडोल का नाम भी दर्ज है एवं शिकायतकर्ता के भाई मो अल्ताफ रजा पिता मो अजीम का नाम भी सत्र 2014-15 एवं 2020-22 में दर्ज पाया गया जिससे शिकायतकर्ता में काफी आक्रोश भरा हुआ है|
4. मदरसा संचालक मो शमसुद्दीन पिता जलालुद्दीन निवासी ग्राम पोस्ट खैरहा जिला शहडोल इन्होने खुद अपना नाम सत्र 2015-17 में दो वर्षीय पाठ्यक्रम अरबिक कोर्स में दर्ज कर लिया| जबकि ये मदरसा संचालक भी है और इनका नाम इन्ही के मदरसे में बतौर उर्दू स्टडी सेण्टर इंचार्ज में भी दर्ज है|
इस प्रकार सत्र 2014 – 2022 तक सैकड़ों छात्रों के नाम इस मदरसे में दर्ज किये गए है जिसका जिक्र अगर करेंगे तो भी नहीं कर सकते है कुल फर्जी छात्रों की 700 से अधिक है|
*राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् में फर्जी सेण्टर इंचार्ज के नाम-*
१. मो असलम
२. मो जमील ये अपना व्यापर चलाते है|
३. मन्नान जो कि शासकीय शिक्षक है|
४. मो शमसुद्दीन जो कि मदरसा संचालक है|
५. मो इकबाल जो कि संचालक का भतीजा है एवं किराने की दूकान चलाता है|
६. अब्दुल रशीद जो कि ग्राम धमनी में अपना किराना दूकान चलाते है|

इस तरीके से मदरसे का संचालन फर्जी तरीके से किया जा रहा था जिसको राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् दिल्ली एवं मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड भोपाल द्वारा मान्यता तो रद्द कर दी गयी लेकिन क्या इस पर कोई वैधानिक कार्यवाही होगी ये बड़ा सवाल है|

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