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पाक के नापाक इरादों को ध्वस्त करने में सक्षम है भारतीय सेना - कर्नल जगरूप सिंह

श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय, अलीगढ़ के रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग द्वारा कारगिल विजय दिवस के अवसर पर रजत जयंती व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले कर्नल जगरूप सिंह जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में १९६२,६५ और ७१ के युद्ध में भाग लेने वाले फ्लाइट इंजीनियर वी के गुप्ता जी, कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ब्रजेश कुमार जी एवं विभाग प्रभारी डॉ वीरेश कुमार जी मंचस्थ थे। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत डॉ शिवेंद्र शाही जी और डॉ प्रीतम कुमार जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कर्नल जगरूप सिंह जी ने अपने कारगिल युद्ध के प्रत्यक्ष अनुभव को साझा करते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को ऑपरेशन विजय में भाग लेने वाले सैनिकों के गौरव और वीरता को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह भारत मां के वीर सपूतों के समर्पण के प्रति सम्मान और श्रद्धासुमन अर्पित करने का दिवस हैं। 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कब्जा किए गए पर्वत शिखरों को मुक्त करके एवं उस पर पुनः तिरंगा लहराकर विजय का उद्घोष किया था, जिसे हम कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते है। इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 वीर जवानों ने राष्ट्र रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इस युद्ध में अलीगढ़ जनपद के अनेक जवानों ने भी वीरता का परिचय दिया था। फ्लाइट इंजीनियर बी के गुप्ता ने भारतीय वायु सेना द्वारा इस युद्ध में वीरता का प्रदर्शन और पाकिस्तानी सेना पर किए गए बमबारी के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा चलायें गए ऑपरेशन सफेद सागर की कारगिल विजय दिलाने में अहम भूमिका थी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ब्रजेश कुमार जी ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति से सुरक्षित भारत का निर्माण करने वाले वीर सैनिकों का स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उन्होंने कहां कि राष्ट्र सेवा के प्रति हम सभी को अपना कर्तव्य निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्राचार्य जी ने कहा कि अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डिफेंस कारीडोर भी विकसित किया जा रहा है। अतः श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों में रोजगार और राष्ट्रवाद के दृष्टि से महत्वपूर्ण रक्षा अध्ययन में परास्नातक पाठ्यक्रम को प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2024 है। रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग के विभाग प्रभारी डॉ वीरेश कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विषय से परास्नातक करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा क्षेत्र में सरकारी सेवाओं के अतिरिक्त, सैन्य सेवाओं में लाभ, रक्षा विशेषज्ञ के रूप में थिंक टैंक में अवसर, रक्षा पत्रकारिता, लोक सेवा आयोग संबंधित तैयारी में सहयोग एवं रिस्क एनालिस्ट, सुरक्षा परामर्शदाता इत्यादि के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध है।इस कार्यक्रम का संचालन डॉ अमरेंद्र कुमार तिवारी जी ने किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर नीता जी, डॉ अजय तोमर जी, प्रोफेसर एस के सिंह जी, प्रोफेसर एम आई खान जी, डॉ अतुल अरोरा जी, डॉ तन्वी शर्मा, डॉ शजरुद्दीन, डॉ पवन कुमार जी, धनीराम जी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी , कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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