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मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी एक कविता पढ़ी।उन्होंने कांग्रेस को नफरत की दुकान चलाने वाला बता दिया।

राजस्थान। जयपुर में अब विधानसभा में पढ़ी गई एक कविता को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने 'ठाकुर का कुआं' से सरकार पर निशाना साधा था। जवाब में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी एक कविता पढ़ी।
इसके जरिए उन्होंने कांग्रेस को नफरत की दुकान चलाने वाला बता दिया। राठौड़ ने एक नया सियासी नैरेटिव भी सेट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की सेना में राजपूत और जाट दोनों ही साथ थे। राठौड़ का यह बयान उपचुनावों से पहले जाट समाज को साधने को तौर पर देखा जा रहा है।राठौड़ की इस कविता के सियासी मायने भी हैं। हरीश चौधरी ने जब पांच दिन पहले सदन में ठाकुर का कुआं कविता पढ़ी थी। उससे प्रदेश में जाट और राजपूत समाज के बीच की दूरियों पर चर्चा होने लगी थी। उस दिन केवल संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने इसका विरोध करते हुए इसे कार्यवाही से निकलवाने की मांग की थी। मंत्री राज्यवर्द्धन ने इस पर खुलकर बोलते हुए सरकार का पक्ष भी रखा। वहीं, यह बताने की कोशिश की कि सरकार सामाजिक सौहार्द से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी।

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