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प्रेसनोट- मानवता की सेवा हेतु नेत्रदान कर अमर हो गये रुप चन्द

*प्रेसनोट- मानवता की सेवा हेतु नेत्रदान कर अमर हो गये रुप चन्द*
कहते हैं इंसान के मरने के बाद बस उनकी यादें ही रह जाती हैं। मगर कुछ लोग ऐसे अविरल होते हैं, जो की मरने से पहले अपने अंगों को दान करने की इच्छा जता देते हैं। फिर भले वो इंसान रहे या न रहे, उनके शरीर का अंग किसी जरूरतमंद के काम आ जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ हरियाणा के पलवल में, जहां एक बुजुर्ग  की मौत के बाद उनके नेत्रदान किए गए।
हम बात कर रहे है रुप चन्द कथुरिया की, जो भले ही अब इस दुनिया में नही रहे। मगर अब उनकी आंखें इस दुनिया को देखेंगी। वयोवृद्ध रुप चंद की इच्छा थी कि उनके मरने के बाद भी उनकी आंखों से किसी नेत्रहीन की जिंदगी में उजाला हो जाए।
सोमवार को उनके स्वर्गवास के बाद उनकी इच्छा अनुसार उनकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी और पुत्रों सुशील कुमार ,महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार ने उनके नेत्र पलवल डोनर्स क्लब 'ज्योतिपुंज' की मदद से पलवल के नागरिक अस्पताल के नेत्र बैंक की टीम को दान करवा दिये। परिजनों को इस बात की खुशी है कि उनके पिता भले ही दुनिया से चले गये हैं लेकिन उनकी आंखें जीवित रहेंगी। उनसे दो लोगों के जीवन में खुशियों का उजाला होगा।

पलवल डोनर्स क्लब " ज्योतिपुँज" के संयोजक आर्यवीर लायन विकास मित्तल ने बताया कि एक व्यक्ति के द्धारा किये गये नेत्रदान से कम से कम दो लोगों को नेत्र ज्योति दी जा सकती हैं । कमाए हुए धन को दान करने में तो एक बार इंसान संकोच करता है, लेकिन रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान करने के लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए।  इस नेत्रदान में उनके पुत्र व सनातन धर्म दशहरा समिति के प्रधान सुशील कथुरिया ,महेन्द्र कथुरिया व नरेश कथुरिया एवं पलवल डोनर्स क्लब की सहसंयोजक अल्पना मित्तल का विशेष सहयोग रहा।  पलवल स्थित गीता भवन में हुए श्रद्धांजलि सभा मे संस्था की तरफ से नेत्रदाता परिवार को सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर उपस्थित शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने नेत्रदानी परिवार और पलवल डोनर्स क्लब " ज्योतिपुँज" का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नेत्रदान महादान है। इससे बड़ा कोई दान नहीं है। हम इससे किसी दृष्टिहीन के अँधेरे जीवन में रोशनी भर सकते हैं।  इस अवसर पर परिवार के सदस्यों रीना, पुनम, ममता कथुरिया, कुंती, कृष्ण कुमार विरमानी, आशा, प्रमोद मदान, डा. भावुक, ह्रदय, शिवम, पार्थ, युवा कृष्णा, डेजी, प. लक्ष्मी नारायण, सर्वेश्वर सरन, डा. नेहा, विधायक दीपक मंगला , पूर्व विधायक सुभाष कत्याल, ज्योती दलाल, वीरपाल दीक्षित, हरेन्द्र पाल राणा, भगवत प्रसाद सिंगला, एम एल कथुरिया, कृष्ण छाबड़ा, कमल कालड़ा, पंकज विरमानी, पार्षद रेखा, सचिन आहुजा, आशा, गिर्जेश शर्मा, पं परमानन्द , ज्ञानी छविन्दर, सतीश भुटानी, बंशीधर मुखीजा, हरीश बाटला, यश, देवेन्द्र गांधी, कुंज खुराना, मुकेश मित्तल, महेश तायल , मनीश जैन, पवन भुटानी, रिषिपाल, दर्शन आदि मौजूद थे।

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