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कांवड़ रूट में दुकानों पर नाम लिखने के फैसले पर रोक; NEET के एक सवाल की जांच होगी; बिहार को विशेष दर्जा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है। साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है। दरअसल, तीनों राज्यों में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकान मालिकों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि होटल चलाने वाले यह बता सकते हैं कि वह किस तरह का खाना (शाकाहारी या मांसाहारी) परोस रहे हैं। उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।UP सरकार ने 19 जुलाई को आदेश दिया था कि कांवड़ यात्रा के रूट की दुकानों, होटलों और ढाबों में मालिक अपना और स्टाफ का नाम लिखवाएं, ताकि कांवड़ियों में कन्फ्यूजन न हो। सरकार का कहना था कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया।

UP के बाद 20 जुलाई को उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी कांवड़ यात्रा रूट पर आने वाली दुकानों में दुकानदारों का नाम और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी कर दिया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद MP सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है, उनकी ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।

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