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रजौन में आरएसएस ने धूमधाम से मनाया गुरु पूजन उत्सव, विभाग बौद्धिक प्रमुख हरविंद नारायण का स्वयंसेवकों को मिला बौद्धिक

रजौन, बांका : श्रद्धा एवं समर्पण का विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा को लेकर रविवार 21 जुलाई को रजौन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गुरु पूजन उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह प्रमुख उत्सवों (वर्ष प्रतिपदा, विजयादशमी, मकर संक्रांति, हिंदू साम्राज्य दिवस, गुरु पूर्णिमा और रक्षा बंधन) में से एक गुरु पूर्णिमा उत्सव को सभी स्वयंसेवक प्रतिवर्ष काफी उत्साह पूर्वक मनाते हैं। गुरु पूजन के अवसर पर सभी स्वयंसेवक परम पवित्र भगवा ध्वज को अपना गुरु मानकर उसकी पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ उसके समीप अपनी सामर्थ्य व इच्छानुसार गुरु दक्षिणा के रूप में समर्पण राशि भेंट करते हैं। इसी कड़ी में रजौन मंडल के मां गायत्री संयुक्त विद्यार्थी शाखा एवं राजवनेश्वर नाथ तरुण व्यवसाई शाखा के स्वयंसेवकों ने रविवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित विवाह भवन के प्रांगण में गुरु पूजन उत्सव समारोह पूर्वक मनाया, जहां उपस्थित स्वयंसेवकों को संघ के भागलपुर विभाग बौद्धिक प्रमुख हरविंद नारायण का बौद्धिक मिला। इस दौरान उन्होंने अपने बौद्धिक के क्रम में संघ की स्थापना, संघ के प्रमुख कार्य, संघ का उद्देश्य आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। उन्होंने गुरु पूर्णिमा पर चर्चा करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने के लिए सनातन हिंदू परंपरा का एक पर्व है, सभी सनातनी हिंदू इसे संसार भर में उत्साह पूर्वक मनाते हैं। वहीं उन्होंने आगे संघ के गुरु पूजन उत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह उत्सवों में से एक महत्वपूर्ण उत्सव गुरु पूर्णिमा उत्सव जो आषाढ़ मास के पूर्णिमा के दिन मनाते हैं, इसी दिन महर्षि वेदव्यास का भी जन्म हुआ था, इसलिए इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। संघ तत्व की पूजा करता है, व्यक्ति की पूजा नहीं, इसलिए संघ ने किसी व्यक्ति को गुरु स्थान पर न रखकर परम पवित्र भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है, भगवा ध्वज त्याग और समर्पण के साथ-साथ सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक रहा है। उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगवार ने समग्र हिन्दू समाज को एकत्रित करने के लिए 1925 में संघ की स्थापना की थी। अगले साल 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं और संघ अपने इस शताब्दी वर्ष को धूमधाम से मनाएगा। बौद्धिक के बाद सभी स्वयंसेवकों ने बारी-बारी से परम पवित्र भगवा ध्वज का पूजन-अर्चन कर उनके समक्ष अपना समर्पण राशि भेंट किया। वहीं इस गुरु पूजन उत्सव का समापन संघ के प्रार्थना व प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस गुरु पूजन उत्सव के दौरान सामूहिक गीत नारायण सिंह, रंगोली निर्माण व अमृत वचन वाचन सोनाली, एकल गीत मुख्य शिक्षक विकेश कुमार तथा संघ प्रार्थना बाल स्वयंसेवक सक्षम आनंद ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया। इस मौके पर संघ के सह जिला कार्यवाह अमरेंद्र कुमार, खंड कार्यवाह रंजीत कुमार, संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षित पुराने स्वयंसेवक कुमुद रंजन राव, दिलीप कुमार मंडल, अश्विनी श्रीवास्तव, खंड व्यवस्था प्रमुख अवधेश साह, डॉ. ब्रजबिहारी राव, रजौन मंडल कार्यवाह प्रीतम कुमार राव, शाखा कार्यवाह संदीप कुमार, हृदय नारायण सिंह, राजेंद्र साह, ओंकार भारती, संतोष, चंदन, राहुल, अर्पित, सानू सावन, राष्ट्रीय सेविका समिति की दीवानी भारती, सोनाली, मोनाली, आराध्या श्री, राधिका, ओमश्री, श्रेष्ठ आनंद, सत्यम कुमार सहित काफी संख्या में शिशु, बाल एवं तरुण स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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