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आर्य समाज पाली में मनुष्य की प्रथम गुरु मातृशक्ति द्वारा हवन कर मनाया गुरु पुर्णिमा उत्सव।

आर्य समाज पाली में मनुष्य की प्रथम गुरु मातृशक्ति द्वारा हवन कर मनाया गुरु पुर्णिमा उत्सव।

घेवरचन्द आर्य पाली
पाली 21, जुलाई। आर्य समाज पाली में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर महिला आर्य समाज की संरक्षक सीमा परिहार, प्रधाना अंकिता सिरवी, उप प्रधाना निर्मला मेवाड़ा के मार्ग दर्शन में मातृशक्ति द्वारा ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना के बाद विधिवत देवयज्ञ कर राष्ट्र की खुशहाली की मंगल कामना की गई। सचिव छवि आर्या, ललीता परिहार एवं चंचल परिहार ने ईश्वर भक्ति का भजन सुनाया।

गुरु पुर्णिमा के महत्व पर बोलते हुए संरक्षक सीमा परिहार ने कहां की मनुष्य की प्रथम गुरु मां अर्थात स्त्री ही है। स्त्री सुशिक्षित और संस्कारी हो तो राष्ट्र को सुशिक्षित और संस्कारी प्रजा मिलती है। प्रधाना अंकिता सिरवी ने कहां कि एक ईश्वर ही सबका गुरु है उसी की उपासना करनी चाहिए। गुरू वहीं है जो मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधारें। उप प्रधाना निर्मला मेवाड़ा ने कहा कि देश में गुरूओ की बाढ आ गई है, जो जूठे चमत्कार की अफवाह फैलाकर मातृशक्ति का शारिरिक और आत्मिक शोषण करते हैं। आशाराम, रामपाल, राम रहीम, और हाथरस वाले तथाकथित धर्म गुरुओं की लीला सारा देश जानता है।

आर्य वीर दल अध्यक्ष दिलीप परिहार ने गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि जो अंधेरे से उजाले की ओर व अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाला हो वही गुरु होता है। भारत मे यह कार्य स्वामी दयानन्द ने किया है, हमे ईश्वर के बाद माता पिता तथा स्वामी दयानन्द को गुरु मानकर उनके बताए वेदोक्त मार्ग पर चलकर राष्ट्र एवं समाज का हित करना चाहिए। मंत्री विजयराज आर्य ने यज्ञ की महिला के बारे में उद्बोधन दिया। प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य ने बताया कि दिलीप परिहार के सार्वजनिक निर्माण विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नत होने पर आर्य समाज महिला आर्य समाज और आर्य वीर दल की और से शाफा बंधवाकर माल्यार्पण कर बहुमान कर वरिष्ठ आर्य जनों द्वारा आर्शीवाद दिया गया।

इस अवसर पर महिला आर्य समाज से पदाधिकारी सीमा परिहार, अंकिता सिरवी , निर्मला मेवाड़ा, छवि आर्या, ललीता परिहार, चंचल परिहार, सुधा सिरवी, गंगादेवी आर्या, योगेश्वरी आर्या, पवन चौहान आर्य समाज से- संरक्षक धनराज आर्य, पूर्व प्रधान गजेन्द्र अरोड़ा, विजयराज आर्य, घेवरचन्द आर्य, रामकिशोर लखेरा, मोहनलाल राठौड़, आर्य वीर दल से- दिलीप परिहार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर हंस, उपाध्यक्ष देवेन्द्र मेवाड़ा, सचिव हनुमान आर्य, कोषाध्यक्ष महेन्द्र प्रजापत, रमेश परिहार, कुन्दन चौहान, भंवर गौरी, योगेन्द्र देवड़ा, रीकू पंवार सहित कई जने मौजूद रहे।

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