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छत्तीसगढ़ सरकार ने तहसीलदारों को दी अतिरिक्‍त शक्तियां भू राजस्व संहिता 1959 में संशोधन

AIMA NEWS :
रवि पटारिया - 20/07/2024 4:47 PM

छत्‍तीसगढ़ सरकार ने तहसीलदारों की शक्तियां बढ़ा दी है। अब वे कुछ ऐसे काम भी कर सकेंगे जो अभी तक एसडीएम ही करते थे। राज्य के भू-स्वामियों को पटवारी रिकार्ड में त्रुटियों में सुधार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा की पहल पर राजस्व विभाग ने भू-स्वामियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अब पटवारी रिकार्ड में दर्ज त्रुटियों का निराकरण करने के लिए तहसीलदारों को अधिकृत किया है। पूर्व में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को भू-स्वामियों के पटवारी रिकार्ड के त्रुटियों को निराकृत करने के लिए प्राधिकृत किया गया था।


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राजस्व रिकार्ड में त्रुटि सुधार के आवेदन पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी और इसके लिए तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। छत्तीसगढ़ राज पत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 (क्र. 20 सन् 1959) की धारा 24 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार द्वारा उक्त संहिता की धारा 115 के अधीन तहसीलदार को भूमि स्वामी उसके पिता, पति के नाम, उपनाम, जाति, पते में लिपिकीय त्रुटि सुधार करने अधिकृत किया गया है। इसी प्रकार राजस्व रिकार्ड में कैफियत कॉलम में की गई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में सुधार करना, त्रुटिवश जोड़े गये खसरों को पृथक करना, भूमि के सिंचित, असिंचित होने संबंधी प्रविष्टि में सुधार करना, भूमि के एक फसली तथा बहु फसली की प्रविष्टि में त्रुटि सुधार करने के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया गया है।
जानकारों के अनुसार सरकार के इस फैसले से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, अब उन्‍हें अलग-अलग कार्यालयों का चक्‍कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे काम में तेजी आएगी और राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो सकेगा। बता दें कि राज्‍य सरकार लगातार राजस्‍व मामलों के निराकरण में तेजी लाने का प्रयास कर रही है। तहसीलदारों के अधिकारों में की गई बढ़ोतरी को इसी दिश में किया गया प्रयास माना जा रहा है।

तसहीलदारों को दी गई अतिरिक्‍त शक्तियां..

1. भूमि स्वामी / उसके पिता/पति के नाम / उपनाम, जाति, पते में लिपिकीय त्रुटि सुधार करना;

2. कैफियत कॉलम में की गई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में सुधार करना;

3. त्रुटिवश जोड़े गये खसरों को पृथक करना;

4. भूमि के सिंचित / असिंचित होने संबंधी प्रविष्टि में सुधार करना;

5. भूमि के एक फसली / बहु फसली की प्रविष्टि में त्रुटि सुधार करना।


शक्तियों का दुरुपयोग पर भी लगे रोक -

एक और जहां सरकार अच्छी नियत के साथ ये कदम उठा रही है , वही दूसरी ओर तहसीलदारों के काम करने के रवैए , मनमर्जी ,कमीशन और रिश्वतखोरी के दर्जन भर मामले राज्य में प्रतिदिन सामने आ रहे है एसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक कार्यवाही भी आजकल सुर्खियों में बनी हुई है

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