“एक लाइब्रेरी क्रैश होने का इंतज़ार कर रही है"
जोरवांग्लो/सुके पोखरी अनुभाग के अंतर्गत लोअर तुंग सुंग चाय बारी गोदाम गांव में स्थित "ज्योति पुस्तकालय भवन" इस गांव की एकमात्र पुस्तकालय है, जो इस गांव के आम लोगों की एक अमूल्य विरासत है! स्थानीय विशेषज्ञों का कहना है कि 1986 के आसपास अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पुराने पुस्तकालय भवन को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया था, स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित विभागीय अधिकारियों की पहल पर 1996 में वर्तमान स्थान पर पुनर्निर्माण कार्य किया गया था। वर्तमान समय में इस पुस्तकालय भवन की स्थिति न सिर्फ दिनों दिन जर्जर होती जा रही है बल्कि भयावह स्थिति भी उत्पन्न हो गयी है. बरसात के मौसम में छतों से पानी टपकता है और छतें पूरी तरह से धंस जाती हैं और अंदर पानी रिसता है, इसलिए कीमती किताबें और अन्य जरूरी दस्तावेज, अखबार आदि को बचाना मुश्किल हो जाता है। लाइब्रेरी स्टाफ ने कहा, बरसात के मौसम में बिल्डिंग के अंदर रहना भी बहुत मुश्किल होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस बात की स्पष्ट संभावना है कि पुस्तकालय किसी भी समय पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो जायेगा और एक भयावह स्थिति निर्मित हो गयी है जिसमें कर्मचारियों के साथ-साथ पाठकों की जान भी जा सकती है।