>तनाव से केवल समस्याएँ जन्म ले सकती हैं!
तन जितना घूमे, उतना होए स्वस्थ।
मन जितना स्थिर रहे, उतना होए स्वस्थ।
जल से होए शुद्ध शरीर, सत्य से होए मन।
विद्या -तंप से आत्मा, ज्ञान से होए बुंद्धि शुद्ध।
देह एक रथ समान, इंद्रि उसके घोड़े।
बुद्धि सारथी उसकी, मन है लगाम।