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भारत में युवा एनाबॉलिक स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं मांसपेशियाँ बनाने के लिए, स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
लेखक: डॉ. वरुण त्यागी (विशेषज्ञ: फिटनेस फोटोग्राफी)
नई दिल्ली: भारत में युवाओं के बीच तेजी से बढ़ते हुए एनाबॉलिक स्टेरॉइड्स के उपयोग ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है। मांसपेशियाँ जल्दी और आसानी से बनाने के लिए इन स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इसके गंभीर और खतरनाक दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे हैं।
डॉ. वरुण त्यागी, जो फिटनेस फोटोग्राफी में विशेषज्ञता रखते हैं और युवाओं के साथ काम करते हुए फिटनेस उद्योग के नकारात्मक पहलुओं का अनुभव किया है, ने इस प्रवृत्ति पर गहरा अवलोकन प्रस्तुत किया है। उनके अनुसार, स्टेरॉइड्स का उपयोग करने वाले युवा अक्सर तत्काल परिणाम पाने की चाह में अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एनाबॉलिक स्टेरॉइड्स का दुरुपयोग हार्मोनल असंतुलन, यकृत की समस्याएँ, हृदय रोग, और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा, इनके उपयोग से युवाओं में आक्रामकता, अवसाद, और आत्महत्या के विचार जैसी मानसिक समस्याएँ भी बढ़ सकती हैं।
डॉ. त्यागी ने बताया कि कई युवाओं को यह जानकारी नहीं होती कि स्टेरॉइड्स का उपयोग उनके शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। उन्हें अक्सर सोशल मीडिया और फिटनेस उद्योग की चमक-धमक भरी दुनिया में दिखाए जाने वाले अधूरे और भ्रामक तथ्यों का शिकार बनाया जाता है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि युवाओं को प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से मांसपेशियाँ बनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। सही पोषण, नियमित व्यायाम और सही मार्गदर्शन के साथ ही स्वस्थ और सुदृढ़ शरीर बनाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ और फिटनेस उद्योग के अनुभवी लोगों का मानना है कि एनाबॉलिक स्टेरॉइड्स के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना और युवाओं को सही मार्गदर्शन प्रदान करना बेहद जरूरी है, ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से अपने फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।