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खोपड़ी में लगाई डिवाइस, कम हुए मिर्गी के दौरे सिग्नल भेजकर दिमाग की असामान्य गतिविधियों पर नियंत्रण

लंदन. ब्रिटेन के डॉक्टरों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दुनिया में पहली बार ब्रिटेन में 13 साल के बच्चे के दिमाग में ऐसा डिवाइस फिट किया गया, जो मिर्गी के दौरे रोकने में 80 फीसदी तक कारगर है। सर्जरी के दौरान उसकी खोपड़ी में न्यूरोस्टिम्यूलेटर नाम का डिवाइस प्रत्यारोपित किया गया, जो दिमाग में सिग्नल भेजता है। मिर्गी के मरीजों के लिए यह उम्मीद की नई किरण है।

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक ओरान नॉल्सन नाम का बच्चा लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम नाम की मिर्गी से पीड़ित है। तीन साल की उम्र से उसे रोज दौरे पड़ रहे थे। उसकी मां जस्टिन नॉल्सन ने बताया कि दौरे पड़ने पर ओरान जमीन पर गिर जाता था, जोर से हिलने लगता था और कई बार बेहोश हो जाता था। होश में लाने के लिए उसे पिल्स की जरूरत पड़ती थी। लेकिन सर्जरी के बाद उसकी हालत बेहतर हो गई है। पढे़ं खोपड़ी

खोपड़ी...

आठ घंटे की सर्जरी, हालत बेहतर

लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में यह सर्जरी परीक्षण के तौर पर की गई। ओरान परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज बना गया है। अब उसे दौरे कम आते हैं। वह अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (आवेगपूर्ण बर्ताव) व ऑटिज्म (संचार में कठिनाई) से भी पीड़ित है, लेकिन उसकी मां मिर्गी को बच्चे की सबसे बड़ी बाधा मानती थी।

स्क्रू से फिट किया गया न्यूरोस्टिम्यूलेटर

न्यूरोसर्जन मार्टिन टिस्डल की अगुवाई में टीम ने ओरान के स्कल में स्क्रू से न्यूरोस्टिम्यूलेटर फिट किया। इससे जुड़े दो इलेक्ट्रोड दिमाग तक पहुंचाए गए। सर्जरी के बाद डिवाइस चालू कर दी गई। इसे रिचार्ज किया जा सकता है। दिमाग की असामान्य गतिविधियों से मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। यह डिवाइस इसे नियंत्रित करता है।

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