
पूर्व विधायक किशोर से मृत्यु पहुंचे जेल
पूर्व विधायक किशोर समरिते गए जेल
लांजी एसडीएम कार्यालय में तोडफ़ोड़ कर की थी आगजनी
बालाघाट। जिले की लांजी विधानसभा से विधायक रहें किशोर समरिते के विरूद्ध सुप्रिम कोर्ट में चल रहीं याचिका पर 20 वर्ष बाद फैसला सुनाते हुए जेल भेजा गया हैं. 2004 में अपने कार्यकर्ताओं के साथ सरकारी दफ्तर में घुसकर वाहनों में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटना कारित करने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बालाघाट की विशेष न्यायालय एट्रोसिटी में किशोर समरिते ने सरेंडर किया हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरेंडर करने का चार सप्ताह का समय मिला था. कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत अपराध में पांच वर्ष की सजा सुनाई हैं.
जानकारी अनुसार वर्ष 2004 में एसडीएम के द्वारा लांजी में अवैध कब्जा कर मकान निर्माण करने को लेकर अतिक्रमण मुक्त की कार्यवाई की गई थी. जिसको लेकर 19 अप्रैल 2004 को दोपहर में तात्कालिन एसडीएम धनेश्वर साय छत्तर के कार्यालय कुछ महिलाओं ने घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. जिसकी जानकारी लगते ही मौके पर किशोर समरिते भी पहुंचे और वह सीधे एसडीएम कार्यालय में अपने साथियों के साथ पहुंचे. जहां मकान तोडऩे को लेकर एसडीएम और किशोर समरिते के बिच विवाद हो गया. जिसके बाद किशोर समरिते के साथियों के द्वारा कार्यालय में तोड़-फोड करते हुए कार्यालय की खिडक़ी में पेड्रोल छिडक़ कर आग लगा दी थी साथ ही शासकीय जीप क्रमांक एमपी 02-5004 में तोडफ़ोड़ कर आग लगा दी थीं. मौके पर पहुंची पुलिस ने मौर्चा संभाला था. जिसके बाद तात्कालिन एसडीएम के द्वारा लांजी थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी कि किशोर समरिते और उनके साथियों के द्वारा कार्यालय में अनाधिकृत प्रवेश कर प्राणघातक हमला कर शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर शासकीय संपत्ति को क्षतिग्रसत किया. जिसके आधार पर पुलिस ने धारा 148, 307/149 विकल्प में 307, 427/149, 435/149, 436/149, 332/149 भा.दं.वि. तथा धारा 3(1) (10) अनु जाति/जनजाति (अ.नि.) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में किशोर पिता नानाजी समरिते , अनिल उर्फ अनेक पिता समादीन गढ़ेवाल, अजीत उर्फ पूरा पिता देवराम हाथीमारे, राजू पिता देवराम रामटेकर, विधान जोगी, गुड्डू उर्फ ओमप्रकाश, तथा नंदू उर्फ नंदलाल सहित करीब आधा दर्जन महिलाओं को पुलिस जांच में आरोपी बनाया गया था.
पूर्व में सुनाया था फैसला
पूर्व विधायक किशोर समरिते का मामला जिला विशेष न्यायालय एट्रोसिटी में वर्ष 2009 को दोषी पाते हुए सभी सात आरोपियों किशोर समरिते, अनिल, अजीते, राजू, विधान जोगी, ओमप्रकाश तथा नंदलाल को न्यायालय के द्वारा धारा 147 में 01-01 वर्ष, धारा 332/149 में 02-02 वर्ष और 1000- 1000- रुपये अर्थदंड से दंडित किया। इसी प्रकार धारा 427/149 में 01-01 वर्ष, धारा 435/149 में 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास और 10000- 10000- रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर अपराधीगण को 06-06 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगताया जायेगा। वहीं सभी पर धारा 3(1)(10) एसएटी एक्त के तहत 03-03 वर्ष और 1000- 1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था. जिसके बाद याचिका हाईकोर्ट में दायर याचिका की गई, जिस पर हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थीं. उसके बाद सुप्रिम कोर्ट में याचिका लगाई गई, सुप्रिम कोर्ट के द्वारा 2024 में बालाघाट की विशेष न्यायालय एट्रोसिटी के 2009 के फैसले को सुरक्षित रखते हुए फैसला सुनाया हैं. जिसके बाद पूर्व विधायक किशोर समरिते को चार सप्ताह के भितर सेरेंडर करने के निर्देश दिये गये थें, जिसके तहत ही किशोर समरिते ने 24 अप्रैल की दोपहर में न्यायालय में सरेंडर किया जहां से पुलिस ने जिला जेल भेजा हैं।