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अंबेडकरनगर मे एक ऐसा मामला सामने आया. जहां देश की सुरक्षा में तैनात एक अफसर को ही न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।

अंबेडकरनगर मे एक ऐसा मामला सामने आया.
जहां देश की सुरक्षा में तैनात एक अफसर को ही न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।
बताते चले मामला अंबेडकर नगर के जलालपुर तहसील क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जहां अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर करीब डेढ़ महीने से अपनी जमीन को बचाने के लिए एक फौजी का जवान थाने और तहसील का चक्कर लगा रहा है। मगर लेखपाल व अन्य अधिकारियों द्वारा जवान को जीवन चूरण बालम घुट्टी पिलाकर वापस भेज दिया जा रहा है। *पीड़ित फौजी जवान जगदंबिका प्रसाद यादव* ने बताया कि मेरी ड्यूटी वर्तमान समय में बॉर्डर के लद्दाख में लगी थी। सूचना मिलती है कि मेरे पुस्तैनी जमीन पर पास के ही कुछ दबंग व्यक्तियों द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। जिसके कारण मुझे बॉर्डर से छुट्टी लेकर घर आना पड़ा,
मैं करीब 45 दिनों से न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा हूं मगर मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। थाने और तहसील से मुझे हीला हवाली देकर वापस घर भेज दिया जा रहा है। पीड़ित ने हार मानकर जिला अधिकारी अंबेडकर नगर को शिकायती पत्र देते व प्रकरण से अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की है।
हालांकि जिलाधिकारी महोदय ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मगर सवाल यह उठता है कि जब देश की सुरक्षा में देश की सीमा पर तैनात एक जांबाज अफसर को ही जब न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है, तो सोचिए आम जनता का क्या होता होगा,

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