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कल्याण महाकुंभ की सतरंगी शोभायात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

निंबाहेड़ा 22 जून 2024,
मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ के 19 वें कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस ज्येष्ठ शुक्ला पूर्णिमा शनिवार को निकाली गई सतरंगी शोभायात्रा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। दशहरा मैदान स्थित ढाबेश्वर महादेव परिसर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, ऊंट गाड़िया, झांकियां, लगभग 250 गांवों की प्रभात फेरियों के साथ 11 स्थानीय बैंड, 21 मालवीय ढ़ोल, केसरिया बाना पहने बटुक, वीर वीरांगनाएं, सैनिक वेश में शक्ति ग्रुप की बालिकाएं, लगभग 1500 सौ कलश धारण किए कृष्णा शक्ति दल की माता-बहनों, मां नागणेच्या माता मंदिर भालून्डी भदेसर की 100 वीरांगनाएं के अलावा मेवाड़, मालवा, वागड़, हाड़ौती, मारवाड़ सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों कल्याण भक्तों ने शोभायात्रा में भागीदारी निभाते हुए अपने आराध्य के प्रति पूरी श्रद्धा व समर्पण को प्रकट किया।
कल्याण नगरी में बही अपार जनगंगा
दशहरा मैदान से लेकर कल्याण नगरी के हर गली मोहल्ले से जब शोभायात्रा निकली तो, जहां नगरवासी पलक पावड़े बिछाकर शोभायात्रा में शामिल भक्तों के साथ ही नगर भ्रमण को निकले ठाकुर जी की अगवानी करने में कोई कोर कसर नहीं रखी। पूरे मार्ग में नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर आत्मिक स्वागत अभिनन्दन के साथ ठाकुर जी की पूजा अर्चना की। इस दौरान तौप से पुष्प वर्षा कर नगरवासियों ने अपने आराध्य के प्रति अटूट आस्था एवं श्रद्धा का परिचय दिया। नगर में उमड़े श्रद्धालुओं के फलस्वरूप ऐसा लगा मानों कल्याण नगरी में स्वत: अपार जन गंगा प्रवाहित हो रही हो। इस दौरान नगर के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ शोभायात्रा की अगवानी करते हुए ठाकुर श्री की पूजा अर्चना की। मार्ग में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी, अशोक नवलखा, नितिन चतुर्वेदी, कपिल चौधरी, वर्षा कृपलानी, पालिकाध्यक्ष सुभाष शारदा, पूरण आंजना, पार्षद रवि सोनी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों ने स्वागत अभिनन्दन किया। वहीं मार्ग के मंदिरों एवं देवालयों की ओर से ठाकुर जी के रथ की पूजा अर्चना की गई। शोभायात्रा के दौरान वेदपीठ के आचार्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा अश्वारोही महाराणा प्रताप की प्रतिमा का पूजन किया गया। वहीं शेखावत सर्कल पर क्षेत्रपाल की पूजा कर कल्याण महाकुंभ को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराने की कामना की गई।
शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण 47 सदस्यीय मराठी बैंड
विशाल शोभायात्रा में मुम्बई से आया 47 सदस्यीय एएस ढ़ोल इवेन्ट लाल बाग का बैंड विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। जिसमें 35 युवाओं के साथ 12 युवतियों द्वारा मराठी अंदाज में एक लय, ताल और स्वर के साथ अपने बैंड का शानदार प्रदर्शन करने के साथ ही घंटी की आवाज के साथ ढोल की थाप और महाराणा प्रताप के साथ शिवाजी का जयघोष नगरवासियों के लिए अनुठा प्रदर्शन रहा। नगर के विभिन्न चौराहों पर इस बैंड की प्रस्तुति ने खासी भीड़ को आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं रखी।
अश्वारोही वीर वीरांगनाओं ने कराई मेवाड़ी सेना की अनुभूति
शोभायात्रा के दौरान वेदपीठ से जुड़े वीर वीरांगनाओं के केसरिया बाने में अश्वारोही प्रदर्शन ने ऐसी अनुभूति कराई मानों एक फिर मेवाड़ी सेना अपनी आन बान शान के लिए कूच करने को तत्पर हो। वीर वीरांगनाओं ने शक्ति धारण किए भीषण गर्मी के बावजूद अदम्य साहस का परिचय देते हुए घुड़ सवारी के माध्यम से नगरवासियों में जोश भरने में कोई कोर कसर नहीं रखी।
एक दर्जन से अधिक झांकियां बनी आकर्षण का केन्द्र
शोभायात्रा के दौरान एक दर्जन से अधिक झांकियां जन साधारण के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहीं। जिनमें से इस वर्ष हो रही नारदीय पुराण कथा के अनुरूप महर्षि नारद के साथ ही अयोध्या के प्रभू श्रीराम, मां कालिका शेष शैय्या पर विराजित भगवान विष्णु, श्रीनाथजी, सैन्य टूकड़ी, वैदिक विश्वविद्यालय की आयुर्वेद सहित सभी झांकियां लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही।
भस्म रमैया निंबाहेड़ा के प्रदर्शन ने मनमोहा
शोभायात्रा के दौरान निंबाहेड़ा के भस्म रमैया मंडल द्वारा महाकाल नगरी के कलाकारों के अनुरूप अनुठे अंदाज में ढोल, ताशे व डमरू का समवेत स्वर में प्रदर्शन ने ऐसी अनुभूति कराई मानों कल्याण नगरी में महाकाल की सैना मौजूद हो।
क्रेन पर रूप मल्लखंभ का प्रदर्शन रहा हैरत अंगेज
रतलाम के कल्याण गुरू व्यायामशाला के 21 बालिका एवं 11 बालकों द्वारा शोभायात्रा के दौरान क्रेन पर लगी रस्सी के साथ रूप मल्लखंभ का प्रदर्शन कर अपने हैरत अंगेज कारनामों से दर्शकों को दांतों तले अंगुलियां दबाने के विवश कर दिया। उनका यह प्रदर्शन नगर के प्रमुख चौराहों पर दर्शकों के लिए विशिष्ट आकर्षण का केन्द्र रहा।
जयमल कल्ला के चतुर्भूज स्वरूप के विहंगम दृश्य की झांकी रही विशिष्ट
बजरंग व्यायामशाला के दिनेश माली के साथियों द्वारा शोभायात्रा के दौरान कल्याण नगरी के राजाधिराज ठाकुर श्री कल्लाजी एवं काका श्री जयमल जी के चतुर्भूत स्वरूप के साथ 4 युगल युवकों द्वारा मेवाड़ी शान के अनुरूप तलवारों का प्रदर्शन देखकर हर कोई दांतों तले अंगुलियां दबाने को विवश हो गया। जयमल कल्ला का यह जीवंत प्रदर्शन कल्याण नगरी वासियों के लिए साक्षात देव स्वरूप दर्शन का प्रयाय रहा। जिसमें सभी युवा केसरियां बाना पहने दोनों हाथों में तलवारे लेकर तत्कालीन युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए नजर आए।
वेदपीठ परिसर बना सिद्धाश्रम तीर्थ
19 वें कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में समूचा वेदपीठ परिसर सिद्धाश्रम तीर्थ के रूप में निरूपित किया गया हैं। वहीं कथा मंडप को नैमीशारण्य एवं यज्ञशाला को नारदीय यज्ञ शाला का नाम दिया गया हैं। संपूर्ण परिसर को देखकर दूर दराज के क्षेत्र से आने वाले हर भक्त के मन में अनुठे भक्ति भाव का प्रादुर्भाव का क्रम पूरे एक सप्ताह तक जारी रहेगा।
खूब सजा ठाकुरजी का दरबार
कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में वेदपीठ को किसी राज महल का स्वरूप देने के साथ ही सतरंगी फूलों से सुसज्जित किया गया हैं। जहां फूलों की भिनी भिनी महक से वेदपीठ में अनुठी अनुभूति हो रही हैं। प्रथम दिवस का ठाकुर जी का मनभावन श्रंगार भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। जहां हजारों भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया।
व्यासपीठ पूजन के साथ नारदीय महापुराण का शुभारंभ
नैमीशारण्य कथा मंडप के व्यासपीठ पर विराजित इस वर्ष व्यंकटेश बालाजी दिव्यधाम अलवर के स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज के मुखार्विंद से प्रदेश में पहली बार कल्याण नगरी में नारदीय महापुराण का रसामृत पान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा हैं। जिसके तहत वेदपीठ के पदाधिकारियों एवं न्यासियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्यासपीठ का पूजन किया गया। वहीं स्वामी सुदर्शनाचार्य जी ने वेदपीठ पर ठाकुर जी के दर्शन कर वहां सजी झांकी को अनुपम एवं अप्रतिम बताते हुए कहा कि कल्याण भक्तों का उत्साह देखने योग्य हैं।
रविवार रात्रि में श्याम रंगीला भजन मित्र मंडल शंभूपुरा के गायक कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन ठाकुर जी की संध्या महाआरती के पश्चात भजनोत्सव का आयोजन होगा।

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