
एक पटवारी की वजह से किसानो का बहुत भारी नुकसान हुआ है फसल बीमा का
नागौर तहसील के 100 से अधिक ग्रामों में वर्ष 2023फरीफ में खराबा पटवरिसे तहसीलदार की रिपोर्ट, खराबा 50% और 60% गिरदावरी रिपोर्ट , हर ग्राम में अधिकतर किसानों के कोप्रेटिव। सहकारिता बैंक से ऋण के साथ फसल बीमा की किस्त काट के फसल बीमा किया गया, केसीसी,निजी बैंक से फसल बीमा किसानो ने कराया, 31/7/2023 को बीमा कंपनियों की लास्ट तारीख थी, आज दिनाक तक किसानो के फसल बीमा क्लेम नहीं आना ,किसानों के साथ घोर अन्याय हैं, तथा किसानों के जनप्रतिनिधि संसद, विधान सभा में आज तक फसल बीमा क्लेम का मुद्दा नहीं उठाना क्या संकेत कर रहा हैं, जन प्रतिनिधि गहरी नींद में क्यों हैं?
किसानों के हक पर कंपनिया
डाका डाल रेही हैं, फिर किसान नेता चुप क्यों हैं?
आखिर क्या राज हैं?
कंपनी के लोग अधिकारियों को खुश कर रहे हैं, किसानों की दुर्गति हो रेही हैं?
जनप्रतिनिधि लोग भी कंपनी से मिले हुए हो सकते हैं?
किसानो किआर्थिक हालात दयनीय होती जा रेही हैं?
किसान क्यों नहीं बोल रहे हैं?
उनको पूरी जानकारी नहीं होने
कारण चुप हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि फसल बीमा के क्लेम के लिए निस्वार्थ भाव से, किसानो के हक की पैरवी कर रह हैं,किसानों की आस भारतीय किसान यूनियन, की टीम नागौर,
अर्जुन जी लोमरोड किसानो के लिए संघर्ष करते दिखाई दे रह हैं।
आम किसानो को अपने हक के लिए भारतीय किसान यूनियन