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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट की समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। इस केंद्र शासित प्रदेश की जल मंत्री आतिशी पड़ोसी राज्यों से इस समस्या के समाधान में सहयोग करने के लिए लगातार अपील कर रही हैं, लेकिन उसका कोई असर पड़ता नहीं नजर आ रहा है। पिछले दिनों दिल्ली सरकार की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि, 'हिमाचल प्रदेश 132 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ेगा और हरियाणा दिल्ली की तरफ पानी के प्रवाह को सुगम बनाएगा।' न्यायालय ने यह भी कहा था कि, 'पानी के मामले में कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए।' इसके विपरीत ऐसा दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में बीते कई वर्षों से हो रहा है। कई राज्य नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर मुकदमा लड़ रहे हैं। विभिन्न मामलों में ट्रिब्युनल गठित किये जा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। कई राज्यों ने इसे सियासी रंग दे दिया है, जिसका नमूना कावेरी नदी के जल को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच वर्षों से चल रही जोर आजमाइश है। हरियाणा और दिल्ली के बीच पानी को लेकर अक्सर टकराव होता रहता है। भीषण गर्मी के इन दिनों में आजकल पानी की जरूरत से कोई इंकार नहीं कर सकता।

सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में जलापूर्ति के मामले में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को स्पष्ट रूप से निर्देश दे रखें हैं, लेकिन अभी भी उन्हें सम्पूर्णता के साथ नहीं अमल में लाया जा रहा है। दरअसल, इस वक्त यह पानी के बंटवारे का विवाद से ज्यादा मानवीय संकट में आगे आने का मामला है। दिल्ली की जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा गरीब और मेहनतकश लोगों का है, जो अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जलापूर्ति के सहारे ही रहते हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य वैकल्पिक साधन नहीं होता। इन लोगों में अधिकांश आबादी पूरे देश के विभिन्न राज्यों से रोजगार के लिए दिल्ली गए लोगों की है। ऐसे में राज्यों द्वारा पानी के बंटवारे को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेना और उसमें सियासी नफा नुकसान तोलना बदकिस्मती ही कही जाएगी, जिसे किसी भी तर्क के आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता। जरूरत इस बात की है कि इस समस्या पर मानवीय दृष्टिकोण के अनुरूप कदम उठाए जाएं और नागरिकों की जरूरत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इस मामले में केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वे राज्य सरकार से तालमेल करके प्राथमिकता के आधार पर निपटाए, ताहि पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रही दिल्ली की जनता को समस्या से निजात मिल सके।

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